भोपाल.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को बजट पेश किया. इस बजट में मध्य प्रदेश के लिए प्रत्यक्ष तौर पर तो कुछ नहीं दिया गया, लेकिन उसके बावजूद राज्य को काफी फायदा होगा. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार मध्य प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 हजार 500 करोड़ रुपये देने जा रही है. इस बजट से रीवा, इंदौर, सागर, ग्वालियर और जबलपुर में रिंग रोड तैयार किए जाएंगे. इसके अलावा केंद्र सरकार का ध्यान उज्जैन में होने वाले कुंभ पर भी है. इसके लिए भी प्रदेश सरकार को अच्छा-खासा बजट मिलेगा.
जानकारी के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में उज्जैन में रोप-वे के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये, नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के लिए 9750 करोड़ रुपये का बजट है. जबकि, पांच साल के अंदर केंद्र सरकार राज्य सरकार को विकास के लिए 29 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा देगी. बता दें, मध्य प्रदेश में आगर-मालवा, इंदौर, गंजबासौदा, ग्वालियर, विदिशा, जबलपुर, सीहोर, सागर, हरदा, रीवा, नरसिंहपुर, उज्जैन, कटनी और सतना जिलों में 14 रिंग रोड बनने हैं. केंद्र सरकार ने रीवा रिंग रोड के लिए 380 करोड़ रुपये और सागर रिंग रोड के लिए 756 करोड़ रुपये मंजूर कर चुकी है.
इस तरह होगा राज्य को फायदा
इसी तरह केंद्रीय वित्त मंत्री सीतरमण ने जवजातीय उन्नत ग्राम अभियान के लिए भी बड़ी घोषणा की है. इस अभियान से 53 हजार गांवों को लाभ मिलेगा. इन गांवों की जनसंख्या करीब 5 करोड़ है. इस तरह देखा जाए तो मध्य प्रदेश को इससे बड़ा फायदा होने वाला है. क्योंकि, प्रदेश में करीब 89 ब्लॉक हैं. इनमें जनजातियों की संख्या 24 है. इन जनजातियों के सदस्यों की संख्या डेढ़ करोड़ है. इसी तरह राज्य सरकार को उम्मीद थी कि केंद्र से केंद्रीय करों के 95 हजार 753 करोड़ रुपये मिलेंगे, जबकि केंद्र ने इसके लिए 97 हजार 905 करोड़ रुपये का बजट तय किया है.