नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कुछ पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने सरकारी बंगला खाली करने की इच्छा जताई है। इन मंत्रियों की जगह ये बंगले वर्तमान मंत्रियों को आवंटित किए जा चुके हैं। जल्द ही ये पूर्व मंत्री अपनी पात्रता श्रेणी के आधार पर आवंटित बंगलों में चले जाएंगे। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी बंगले खाली करने की इच्छा जताने वाले केंद्र सरकार के पांच पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं। इनमें प्रकाश जावडेकर, डॉ. हर्षवर्धन, पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल हैं।
निशंक के बंगले 27, सफदरजंग रोड को हाल ही में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को आवंटित किया गया है। ये सभी मंत्री जल्द ही अपनी पात्रता श्रेणी (टाइप-7 बंगला) में चले जाएंगे। वर्तमान में ये सभी टाइप-8 बंगलों में निवास कर रहे हैं।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को चिराग पासवान को 12 जनपथ बंगले से बेदखल करने की प्रक्रिया पूरी की। ये बंगला 1990 में उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित किया गया था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंत्रियों और सांसदों के लिए आवास नियमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि टाइप-8 बंगले केंद्रीय मंत्रियों और न्यायपालिका के वरिष्ठ सदस्यों को आवंटित किए जाते हैं। पूर्व मंत्री आमतौर पर टाइप-7 आवास के हकदार होते हैं। लोकसभा और राज्यसभा की भी अपनी आवास समितियां हैं जो अपने सदस्यों को अपने कोटे से सरकारी आवास आवंटित करती हैं। उनके पास कुछ टाइप-8 बंगले भी हैं, लेकिन सांसदों को आमतौर पर टाइप-7 श्रेणी से कम वाले बंगले दिए जाते हैं।