रायपुर। छत्तीसगढ़ विधान सभा सचिवालय के प्रेक्षागृह में गुरुवार को प्रमुख सचिव चन्द्रशेखर गंगराड़े की सेवानिवृत्ति के अवसर पर सचिवालय परिवार की ओर से बिदाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस गरिमामय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव चन्द्रशेखर गंगराड़े अपनी धर्मपत्नी दीक्षा गंगराड़े के साथ उपस्थित थे। कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, विधान सभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी, विधान सभा सचिव दिनेश शर्मा एवं विधान सभा सचिवालय के समस्त अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। प्रमुख सचिव चन्द्रशेखर गंगराड़े ने वर्ष 1980 में म.प्र. विधान सभा सचिवालय से अपनी सेवा की शुरूआत की थी।
बिदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि-जीवन में अनुशासन का महत्व होता है और अनुशासित व्यक्ति ही जीवन में सफलता और श्रेष्ठता को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधान सभा ने अपनी स्थापना के पश्चात् लगातार उच्च संसदीय परंपराओं को स्थापित किया है। उन्होने कहा कि-विधानसभा के संचालन में उन्हे विधानसभा के प्रमुख सचिव के साथ सभी अधिकारियों कर्मचारियों का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग निरंतर प्राप्त होता है और इसी का परिणाम है कि विधानसभा जो कि संसदीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है जिसमें पक्ष और विपक्ष की भावनाओं का निष्पक्ष रूप से सम्मान करना होता है और संसदीय व्यवस्थाएं देनी होती है, इसलिए प्रमुख सचिव, छत्तीगढ़ विधान सभा का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उन्होने कहा कि चन्द्रशेखर गंगराड़े ने अपने कार्यकाल में उत्कृष्टता के अनेक प्रतिमानों को स्पर्श किया। उन्होंने कहा कि-श्री चन्द्रशेखर गंगराड़े अपनी शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए हैं, लेकिन उनके संसदीय अनुभव एवं ज्ञान का लाभ छत्तीसगढ़ विधान सभा के लिए सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होने सेवानिवृत्त प्रमुख सचिव चन्द्रशेखर के सुदीर्घ, स्वस्थ, सुखी जीवन के लिए उन्हे शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने चन्द्रशेखर गंगराड़े के सेवानिवृत्त होने पर म.प्र. विधानसभा से लेकर छत्तीसगढ़ में उनके कार्यकाल का स्मरण करते हुए कहा कि चन्द्रशेखर गंगराड़े से उनके संबंध म.प्र. विधानसभा से है। उन्होंने कहा कि चन्द्रशेखर गंगराड़े ने छत्तीसगढ़ राज्य की विधानसभा को गरिमा के अनुरूप आकार देते हुए संसदीय व्यवस्थाओं एंव परंपराओं के साथ-साथ सचिवालय की कार्य पद्धति को आदर्श स्वरूप प्रदान किया है। इस अवसर पर अपने संबोधन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि गंगराड़े के मार्ग दर्शन में विगत अनेक वर्षों से विधानसभा की कार्यवाहियां उच्च संसदीय मूल्यों के अनुरूप संचालित हुई है। भविष्य में भी अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के नेतृत्व एवं सचिव, छत्तीसगढ़ विधानसभा दिनेश शर्मा के मार्ग दर्शन में इस गौरवशाली पंरपरा को आगे बढ़ायेगे।
अपने संबोधन में विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में विधायिका एवं कार्यपालिका में संतुलन स्थापित करने में गंगराड़े की भूमिका सदैव प्रशंसनीय रही है। विधानसभा के प्रमुख सचिव चन्द्रशेखर गंगराड़े ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-उन्होने सदैव अपनी पूरी क्षमता के साथ यह प्रयास किया कि सचिवालय की गरिमा एवं प्रतिष्ठा सदैव बरकरार रहे और सदैव इसमें अभिवृद्धि हो। उन्होने कहा कि यद्यपि विचारों की विभिन्नता कई अवसरों पर होती है लेकिन उन्होने कभी भी किसी के साथ द्वेषपूर्ण तरीके से कार्य नहीं किया। उन्होने विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मंत्रीगण एवं सचिवालय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का उनके सहयोग कि लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि-छत्तीसगढ़ महतारी के प्रति उनका जो भी कर्ज था उन्होने विधानसभा सचिवालय की सेवा के दौरान छत्तीसगढ को़ अदा करने का प्रयास किया।
इसके पूर्व सचिव, विधानसभा दिनेश शर्मा ने चन्द्र शेखर गंगराड़े के सेवाकाल का विस्तृत वर्णन कर उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला एवं उनके सुदीर्घ एवं सुखी जीवन की कामना की। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त करते हुए यह विश्वास व्यक्त किया कि डॉ. महंत के नेतृत्व एवं मार्ग दर्शन में वे छत्तीसगढ़ विधानसभा की गरिमा एवं सम्मान के लिये निरंतर प्रयासरत् रहेंगे। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने विधान सभा के प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया । डॉ. महंत ने इस अवसर पर श्रीमती गंगराड़े को भी शाल, श्रीफल से सम्मानित किया। कार्यक्रम में अपर सचिव आर. के अग्रवाल ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।