गाजा/तेहरान.
इस्राइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने देश की ओर आंख उठाने वालों को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि इस्राइल के दुश्मन हमारे अपने देश की हर हाल मे रक्षा के संकल्प पर संदेह न करें। हमें नुकसान पहुंचाने वालों को इसकी भारी कीमत चुरानी पड़ सकती है। दरअसल तेल अवीव की सड़कों पर हुए विस्फोट में एक इस्राइली नागरिक मारा गया। यह हमला ईरान समर्थित विद्रोहियों द्वारा ड्रोन द्वारा किया गया था। इसके बाद इस्राइल ने जवाब में लड़ाकू विमान से यमनी बंदरगाह पर हमला कर तीन लोगों को मार डाला।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा जिस बंदरगाह को निशाना बनाया गया वह कोई निर्दोष बंदरगाह नहीं था। उन्होंने बताया कि इस बंदरगाह का इस्तेमाल ईरान द्वारा अपने हूती आतंकवादियों को आपूर्ति किए जाने वाले हथियारों के प्रवेश द्वार के रूप में किया जाता था। हूती विद्रोहियों ने इन हथियारों का इस्तेमाल इस्राइल पर हमला करने, क्षेत्र के अरब देशों पर हमला करने और कई अन्य पर हमला करने के लिए किया। नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला तेल अवीव में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से सौ गज की दूरी पर हुए जानलेवा ड्रोन हमले के सीधे जवाब में किया। इसमें एक की मौत और कई अन्य घायल हो गए। पिछले आठ महीनों में हूती विद्रोहियों इस्राइल के खिलाफ सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और ड्रोन दागे। उन्होंने कहा कि इन हमलों में अधिक जनहानि इसलिए नहीं हुई क्योंकि इस्राइल और उनके सहयोगियों ने रक्षात्मक उपाय किए हुए हैं।
उन्होंने बताया, "लेकिन शुक्रवार को इस्राइल पर हुआ ड्रोन हमला दिखाता है कि हूती विद्रोही को रोकने के लिए रक्षात्मक कार्रवाई से कहीं ज्यादा आक्रामक कार्रवाई की भी जरूरत है। ईरान के आतंकी संगठनों को उनकी बेशर्मी भरी आक्रामकता की कीमत चुकानी पड़े।" उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और अंतरराष्ट्रीय समुद्री गठबंधन के अन्य सदस्यों को धन्यवाद दिया। जिनका गठन हूती हमलों को रोकने के लिए किया गया था। अरब प्रायद्वीप के सबसे गरीब देश में प्रमुख बंदरगाह पर इस्राइल ने हमला किया। लड़ाकू विमान ने हूती नियंत्रित यमनी बंदरगाह होदेदा में तीन लोगों को मार डाला था।