राजभवन ने जांच के लिए टीम बनाया…वही फर्जी कुलपति राज्यपाल से कर चुका हैं भेंट-मुलाकात…जाँच प्रभावित करने की महर्षि यूनिवर्सिटी की साजिश…?
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल से शिकायत…
बिलासपुर संभाग/ लाखों खर्च कर विज्ञापनों के माध्यम से खुद के यूनिवर्सिटी का स्वयं गुणगान करने वाले बिलासपुर के महर्षि यूनिवर्सिटी के फर्जीवाड़े और अनियमितताओं की लंबी कहानी हैं, महर्षि यूनिवर्सिटी खुद को पाक साफ बताने झूठा प्रचार-प्रसार की आड़ लेने लगा हैं और जो विभाग इस महर्षि यूनिवर्सिटी की जांच कर रहे हैं या जांच टीम बनाये हैं उन्हें प्रभावित करने की साजिश रच रहा हैं। तभी तो कुछ दिनों पहले ही महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव ने प्रदेश के राज्यपाल से भेंट मुलाकात किया था और अब कल 20 जुलाई को गुरुपूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम में छग निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो. उमेश कुमार मिश्र को मुख्य अतिथि बनाया गया। शिक्षातंत्र पर कालिख पोतने महर्षि यूनिवर्सिटी हमेशा आगे रहा हैं फर्जीवाड़े, फर्जी नियुक्ति और अनियमितताओं से लबरेज इस महर्षि यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में हैं, क्योंकि इस महर्षि यूनिवर्सिटी के फर्जीवाड़े और अनियमितताओं की बड़ी लंबी स्टोरी हैं, जो कि छात्र संगठन व अन्य के शिकायतों में पहले ही देखा जा चुका हैं। अभिभावकों का भी कहना हैं कि बाकी छात्र-छात्राओं को भी इस यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने बचना चाहिए ताकि उनका शैक्षणिक वर्ष खराब न हो। छात्रहित में दैनिक भारत भास्कर महर्षि यूनिवर्सिटी की हुई शिकायतों, फर्जीवाड़े और अनियमितताओं को प्रमुखता से प्रकाशित करते आया हैं।
कैसे आयेगी निष्पक्ष जांच रिपोर्ट…? जांच करने वाला विभाग सीजीपीआरसीयू ही महर्षि यूनिवर्सिटी के आगे नतमस्तक…
अभिभावकों और छात्रों का कहना हैं कि महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलपति नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़े की जांच हेतु राजभवन से दिनांक 16/02/2024 में टीम गठित की गई हैं जिसकी जांच लंबित हैं ? इसी बीच महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी, मंगला, बिलासपुर के कुलपति, डॉ. टी.पी.एस, कांद्रा और कुलसचिव ने हाल ही में कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ राज्यपाल से भेंट मुलाकात किया हैं, इससे ऐसा लग रहा कि महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव द्वारा राजभवन द्वारा गठित जांच टीम के जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा हैं ? उसी प्रकार अब महर्षि यूनिवर्सिटी में कल 20 जुलाई को गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया गया जिसमें छग निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो. उमेश कुमार मिश्र मुख्य अतिथि थे, ऐसे में छात्रों और अभिभावकों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जिस छग निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने इस महर्षि यूनिवर्सिटी के अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और कुलपति के फर्जी नियुक्ति की जांच की तथा जांच रिपोर्ट में भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं ? जब राजभवन द्वारा महर्षि यूनिवर्सिटी के फर्जीवाड़े और कुलपति के फर्जी नियुक्ति की जांच के लिए टीम गठित किया गया हैं तो ऐसे में छग निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष को महर्षि यूनिवर्सिटी के कार्यक्रमों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसमें एक बात और सोचने वाली बात हैं कि जब 2023 में छग निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा महर्षि यूनिवर्सिटी का निरीक्षण किया गया था तो महर्षि यूनिवर्सिटी में भारी खामियां मिली थी अब ऐसे में निरीक्षण या भविष्य में होने वाले जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठना स्वाभाविक हैं।
राजभवन से बनी 3 सदस्यीय जांच टीम…RTI से मांगी गई कार्यवाही की जानकारी…
जैसा कि पहले भी बताया जा चुका हैं कि छग निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल इसीलिये भी उठता हैं क्योंकि दिनांक 16/02/2024 को राज्यपाल के सचिव द्वारा महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी, मंगला, बिलासपुर के कुलपति, डॉ. टी.पी.एस, कांद्रा की नियुक्ति संबंधी शिकायत की जाँच करने हेतु पुनः 3 सदस्यीय जांच टीम बनाई गई। राज्यपाल के सचिव द्वारा दिनांक 16/02/2024 को आदेश निकाला गया जिसमें कहा गया कि छग निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम 2005 की धारा-15 (1) एवं (3) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये राज्यपाल एवं कुलाधिपति, महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी मंगला बिलासपुर द्वारा महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी मंगला बिलासपुर में हुई कुलपति की नियुक्ति संबंधी शिकायत एवं दस्तावेजों की जांच हेतु जांच कमेटी का गठन किया गया हैं, 3 सदस्यीय वाले इस जांच कमेटी में प्रो0 आलोक कुमार चक्रवाल कुलपति गुरुघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर, प्रो0 सच्चिदानंद शुक्ल कुलपति पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर और प्रो0 ललित प्रकाश पटेरिया कुलपति नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ का नाम शामिल हैं। अभी हाल ही में महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव ने राज्यपाल से मुलाकात की हैं। यह भी अंदेशा लगाया जा रहा हैं कि राज्यपाल से भेंट मुलाकात कर महर्षि यूनिवर्सिटी प्रबंधन जांच टीम पर प्रभाव जमाने और दबाव बनाने की कोशिश में हैं।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा वर्ष 2023 में महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी, ग्राम-मंगला, जिला-बिलासपुर का निरीक्षण किया गया जिसमें भयंकर कमियां मिली थी, इस वर्ष के निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग से मांगी गई हैं।
महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलपति नियुक्ति फर्जीवाड़े, शिक्षा विभाग द्वारा किये जा रहे जांच व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बिलासपुर द्वारा किये गए जांच के बीच महर्षि यूनिवर्सिटी द्वारा उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण का हवाला देने की पूरी सच्चाई दैनिक भारत भास्कर के आगामी अंक में….