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बिहार को विशेष राज्य के दर्जे पर, वित्त मंत्री ने नीति आयोग के रिकमेंडेशन पर टाली डिमांड

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पटना
 सियासी पिच
पर राजनीतिक दल एक दूसरे को शह और मात देते रहते हैं। लेकिन जब यह खेल गठबंधन में शामिल मित्र दलों के बीच हो तो? जी हां, विशेष राज्य के दर्जा के सवाल पर एनडीए गठबंधन में धमाल मचा है। इस मुद्दे पर चाल दर चाल चले जा रहे हैं। जेडीयू ने कार्यकारिणी की बैठक में विशेष दर्जा हेतु प्रस्ताव पारित कर बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है। वह भी तब जब वित्त मंत्री सीतारमन ने यह साफ-साफ कह दिया कि बिहार की विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिल सकता है। आइए जानते हैं कि वित्त मंत्री ने क्या कहा…

वित्त आयोग का रिकमेंडेशन तो आए : सीतारमन

पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ-साफ कहा कि क्यों नहीं दे सकते विशेष राज्य का दर्जा। कारण बताते तब केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा था विशेष दर्जा के लिए केंद्रीय वित्त आयोग की रिपोर्ट में रिकोमेंडेशन आना चाहिए तभी इसके बारे में आगे विमर्श किया जा सकता है। केंद्रीय वित्त आयोग रिपोर्ट में टैक्स को कम करने का रिकोमेंडेशन आया था, जिसके बाद तीन अलग-अलग स्लैब में केंद्रीय करो में कमी की गई है। बिहार को आर्थिक सहायता और विशेष सहायता मिल सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2015 में एक पैकेज बिहार के लिए घोषणा की गई थी और 1.25 लाख करोड़ का पैकेज दिया भी गया था।

दबाव की राजनीत और जेडीयू

एनडीए गठबंधन में विशेष राज्य के दर्जा को लेकर दबाव की राजनीति फिर शुरू हो गई है। कहा यह जा रहा है बीजेपी चुकी पूर्ण बहुमत में नहीं है जेडीयू विशेष राज्य के दर्जा की मांगकर नंबर गेम में बीजेपी से एक कदम आगे दिखना चाहती है। इस मामले में जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन तो मुखर है ही पार्टी की कार्यकारिणी में यह प्रस्ताव भी पारित कर जेडीयू ने अपनी नियत साफ कर दी है। महागठबंधन में रहते जेडीयू विशेष राज्य के दर्जा को लेकर हमलावर थी। सदन में भी राजीव रंजन बीजेपी के उपर ठीकरा फोड़ते रहे। विशेष राज्य के दर्जा को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण का आधार भी बनाया।

पीएम मोदी ने बिहार के नेताओं के लिए फेंकी गुगली

एनडीए की राजनीति में नंबर गेम हेतु चल रहे खेल में देश के पीएम नरेंद्र मोदी का गुगली सामने आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग का पुर्नगठन के बहाने एक चाल बीजेपी की तरफ से चल दी। पीएम ने नीति आयोग के पुनर्गठन के बहाने गेंद मित्र दलों के पाले में ही डाल दी है। इस बार टीम में बिहार से जुड़े तीन केंद्रीय मंत्री को टीम में जगह दी गई है। मुंगेर से सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, गया से सांसद जीतन राम मांझी और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान को नीति आयोग में शामिल किया गया है।

फुल टाइम मेंबर के रूप में वीके सारस्वत, प्रोफेसर रमेश चंद्र, डॉक्टर वीके पॉल और अरविंद विरमणी को शामिल किया गया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण नीति आयोग में जगह मिली है। पीएम इस आयोग के चेयरमैन हैं।

मित्र दल के पाले में गेंद

अब विशेष राज्य के हालात बनाने की मांग करने वाले बिहार के मित्र दल के सदस्य नीति आयोग में विशेष राज्य के दर्जा को लेकर माहौल बनाए और बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा पाने की स्थिति बनाएं। पीएम नरेंद्र मोदी की इस चाल के बाद अब जेडीयू भी बीजेपी को इस बात के लिए आरोपित नहीं कर पाएगी कि बीजेपी नीत सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देना चाहती। अब खुले मंच से जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो केंद्र विशेज पेकेज तो दे।

 

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