रायपुर। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी बजरंगी प्रसाद के प्रेस वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेताओं को हवा हवाई बात करने की आदत है। झूठ बोलना और गुमराह करना इनकी संस्कृति है। 15 साल के रमन सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में 15,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या किया। गौ सेवा के नाम से गोधन के अनुदान को भाजपा के नेता डकार गए। किसानों को धान की कीमत 2100 रू. प्रति क्विंटल और 300 रू. बोनस देने का वादा कर रमन सरकार ने पूरा नहीं किया। किस मुंह से बजरंगी यादव 2 साल का बोनस नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं? जबकि 2 साल के बोनस की देनदारी रमन सरकार की है जिसे कांग्रेस सरकार ने किश्तों में देने का वादा किया है।
भाजपा किसान मोर्चा के नेता बजरंगी प्रसाद यादव बताएं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की तरह किस भाजपा शासित राज्य में किसानों को धान की कीमत 2500 रु प्रति क्विंटल से अधिक मिल रहा है? किसानों का कर्ज माफ एवं सिंचाई कर माफ किया गया है? धान के अलावा कोदो, कुटकी, गन्ना, दलहन-तिलहन, रागी, मक्का, फलदार वृक्ष, सब्जी उत्पादक और वृक्षारोपण करने वालो किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रु. का सपोर्ट दिया जा रहा है? 2 रु किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है? पशु पालक और पशुधन की सेवा की जा रही हैं? आम उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ की सुविधा दी जा रही है? किसानों को स्थाई पंप कनेक्शन दिया जा रहा है? छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार 40 लाख उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ की सुविधा दे रही है। 5 लाख 83 हजार किसानों को स्थाई पंप कनेक्शन दिया गया है।
ठाकुर ने कहा कि बजरंगी प्रसाद यादव किसानों के प्रतिनिधि की तरह नही बल्कि आरएसएस भाजपा के एजेंट के बतौर राजनीति करते है। अगर बजरंगी प्रसाद को वास्तविक में किसानो की चिंता होती तो वो तीन काले कृषि कानून का विरोध करते। जब से केंद्र में मोदी भाजपा की सरकार आई है उस दिन से देशभर के किसान हताश और परेशान है और महंगाई की मार झेल रहे, कृषि यंत्रों में 28 पर्सेंट जीएसटी लिया जा रहा है। खाद बीज के दाम दोगुने-तिगुने हो चुके हैं। डीजल में मोदी टैक्स लगाकर मुनाफाखोरी की जा रही है। किसानों से किए वादे को मोदी भाजपा की सरकार पूरा करने में असफल हुई है। भाजपा शासित राज्यों में किसानों की हालत ठीक नहीं है। गोवंश सड़कों में भटक रही है। बिजली की महंगी दरों से किसान और आम उपभोक्ता परेशान है। मोदी सरकार के वादा के अनुसार किसानों को स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य नहीं दिया। 2022 आ गई लेकिन किसानों का आय दुगुनी नहीं हुआ। किसानों से किये वादा को भूलकर मोदी भाजपा की सरकार ने तो तीन काले कृषि कानून लाकर किसान और आम उपभोक्ताओं को चंद भाजपा समर्थित पूँजीपतियो के गुलाम बनाने की साजिश रची, जिसका देश के सर्वोच्च सदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विरोध किया और 14 माह तक दिल्ली सहित देशभर में किसान सड़को में उतरकर विरोध किये। 700 से अधिक किसानों की शहादत हुई तब कही जाकर मोदी सरकार झुकी और नए कृषि बिल को वापस ली।