जगदलपुर। हाल ही मे नई दिल्ली में नारायण दत्त तिवारी हॉल, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर एक बैठक हुई, जिसमें 20 से अधिक राज्यों के 200 से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान नेताओं ने भाग लिया। नेताओं में प्रमुख थे उत्तर प्रदेश के वी.एम. सिंह, राजू शेट्टी-महाराष्ट्र, राम पाल जाट-राजस्थान, गुना। धर्मराजा-तमिलनाडु, डॉ. राजाराम त्रिपाठी राष्ट्रीय संयोजक अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा),-छत्तीसगढ़, पी.वी. राजगोपाल जी एकता परिषद, राजेंद्र सिंह जी, गंगा जल पारादिरी, जसकरन सिंह-पंजाब, प्रदीप धनखड़-हरियाणा, आलफोंडबर्थ खरसिन्टीव और मेघालय के कमांडर शांगप्लियांग पूर्वोत्तर राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। देश के वरिष्ठ किसान नेता बी एम सिंह के द्वारा विशेष रूप से आमंत्रित किए गए 40 किसान संगठनों के गठबंधन, अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने बैठक में ताल ठोंकते हुए कहा कि एमएसपी किसानों पर कोई एहसान नहीं है, यह हमारा बुनियादी हक है, और अब वक्त आ गया है कि किसानों को उनके खून पसीने की कमाई का वाजिब मूल्य मिलना ही चाहिए।
इस सम्मेलन में यह सामूहिक निर्णय लिया गया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मोर्चे को देश का एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा” कहा जाएगा और प्रतिभागियों ने मोर्चा के झंडे पर फैसला किया है जिसका इस्तेमाल राज्यों में एमएसपी की गारंटी की जागरूकता बढ़ाने के लिए एवं आगामी आंदोलन के लिए किया जाएगा। लगभग बीस राज्यों के समन्वयकों को नामित किया गया है जो अब से राज्य स्तर और जिला स्तरीय समितियों और जागरूकता कार्यक्रमों का गठन करेंगे और 22 मई, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली बैठक में अगले दो महीनों में प्रदर्शन के बारे में विवरण की रिपोर्ट देंगे । दिल्ली की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि एमएसपी के पक्ष में जागरूकता कार्यक्रम का राष्ट्रीय मूल्यांकन करने के लिए 6, 7 और 8 अक्टूबर को दिल्ली में यूपी के समन्वयक वी एम सिंह के फार्म पर राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।