अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के एक नए अध्ययन में पता चला है कि लाइफस्टाइल में बदलाव करके लगभग आधे कैंसर के मामलों को रोक सकते हैं। यह स्टडी सीए: ए कैंसर जर्नल फॉर क्लिनिशियंस में छपी है। रिसर्चर्स ने बताया कि धूम्रपान छोड़ना, हेल्दी खाना, एक्टिव रहना, सनस्क्रीन लगाना और शराब कम पीना जैसी चीजों से कैंसर का खतरा काफी कम हो सकता है।
स्टडी में अमेरिका में कैंसर से होने वाली मौतों के आंकड़े भी दिए गए हैं। सबसे ज़्यादा मौतें लंग कैंसर से हुईं, उसके बाद फीमेल ब्रेस्ट कैंसर, स्किन मेलानोमा, कोलोरेक्टल कैंसर, लिवर कैंसर और एसोफेगल कैंसर का नंबर आता है। रिसर्चर्स का कहना है कि अगर लोग अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं, तो इनमें से कई मौतों को रोका जा सकता है।
5 रिस्क फैक्टर्स को करें कंट्रोल
धूम्रपान है सबसे बड़ा खतरा
रिसर्चर्स का कहना है कि धूम्रपान सबसे बड़ा खतरा है। लगभग 20% कैंसर के मामले और कैंसर से होने वाली एक तिहाई मौतें धूम्रपान से जुड़ी हैं। सिगरेट का धुआं सीधे तौर पर शरीर में कैंसर पैदा करने वाले तत्व बढ़ाता है, जीन्स में बदलाव (म्यूटेशन) को बढ़ावा देता है और इम्यूनिटी को कमजोर करता है। इससे ट्यूमर बनने और बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादा न होने दें वजन
ज़्यादा वज़न होना भी कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। मोटापे से कोलोरेक्टल, ब्रेस्ट कैंसर (मेनोपॉज के बाद) और एसोफेगल कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। जब शरीर में ज़्यादा फैट होता है, तो ऐसे हार्मोन और ग्रोथ फैक्टर बनते हैं जो सूजन और सेल्स को बढ़ावा देते हैं। यह स्थिति कैंसर के विकास के लिए अनुकूल होती है। उदाहरण के लिए ब्रेस्ट कैंसर में फैट टिश्यू एस्ट्रोजन के लेवल को बढ़ा सकता है, जो हार्मोन-रिसेप्टर-पॉजिटिव ट्यूमर को बढ़ावा दे सकता है।
शराब को करें बाय बाय
शराब का सेवन भी कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। शराब पीने से लिवर, मुंह, गले और ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। लिवर कैंसर का सीधा संबंध शराब के सेवन से है। लंबे समय तक ज़्यादा शराब पीने से सिरोसिस हो सकता है, जिससे लिवर कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
फिजिकल एक्टिव रहें
शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना भी कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। नियमित व्यायाम से इंसुलिन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जो ज़्यादा होने पर कैंसर के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। व्यायाम एक हेल्दी इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है, जो कैंसर सेल्स को शुरुआती स्टेज में ही पहचानने और खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण है।
इंफेक्शन से बचें
एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) जैसे संक्रमण भी कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। एचपीवी एक आम वायरस है जो स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट से फैलता है, खासकर यौन गतिविधि के दौरान। एचपीवी का संबंध खास तौर पर सर्वाइकल कैंसर से है, जहां लगभग सभी मामले एचपीवी के हाई-रिस्क टाइप के लगातार संक्रमण के कारण होते हैं। यह वायरस वल्वा, योनि, लिंग, गुदा और ऑरोफैरिंक्स के कैंसर का कारण भी बन सकता है।