रायपुर। 12 सूत्रीय मांगों को लेकर देश के 10 से अधिक केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 28 व 29 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। इस हड़ताल में केंद्र व सरकार के कर्मचारी, बैंक, बीमा, दूरसंचार, रक्षा, संगठित, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के अलावा मजदूर संगठनों के कर्मचारी शामिल होंगे। 28 मार्च को जिला मुख्यालय में धरना दिया जाएगा और 29 मार्च को राजधानी रायपुर के बुढ़ातालाब में विशाल सभा के माध्यम से केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
सीजेडआईईए के महासचिव धर्मराज महापात्र, इंटक के अध्यक्ष संजय सिंह, तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के चंद्रशेखर तिवारी ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में ने 12 सूत्रीय मांगों के संदर्भ में उन्होंने बताया कि श्रम संहिता रद्द करें, ईडीएसए (आवश्यक प्रतिरक्षा सेवा अधिनियम) समाप्त करने, कृषि कानून वापसी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के 6 सूत्रीय मांग को पूरा करने, नेशनल मोनिटाइजेशन नीति को रद्द करने, सभी सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण की नीति पर तत्काल रोक लगाने, हर किस्म का निजीकरण बंद करने, गैर आयकर दाता परिवार को प्रतिमाह 7500 रुपये नगद और खाद्य सहायता प्रदान करने, मनरेगा के आबंटन में वृद्धि करने, शहरी गरीबों को भी रोजगार गारंटी कानून का लाभ देने, सभी अनौपचारिक क्षेत्र के मजदूरों को सार्वभौम सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने,आंगनबाड़ी, मितातिन, मध्यान्ह भोजन और अन्य योजना कर्मियों के लिए वैधानिक न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना, महामारी के दौरान जनता की सेवा करने वाले अग्रिम पंक्ति के कार्यकतार्ओं को सुरक्षा और बीमा सुविधा, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और सुधारने के लिए संपदा कर आदि के माध्यम से अमीरों पर कर लगाकर कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सार्वजनिक आवश्यकताओं में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने, पेट्रोलियम उत्पाद पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में पर्याप्त कटौती करने तथा मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने, ठेका श्रमिक, योजना कर्मियों का नियमितीकरण करने और सभी को समान काम का सामान वेतन देने, नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन में पर्याप्त वृद्धि किए जाने की मांग शामिल हैं।