भागलपुर। झारखंड के गोड्डा से लाई गई नकली शराब पीने से मौत के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अंतरराज्यीय तस्कर भी शामिल हैं। पुलिस की छापेमारी में नकली शराब बनाने का सामान भारी मात्रा में जब्त किया गया है। पूछताछ में तस्करों ने स्वीकार किया है कि वे नकली शराब बनाते और बेचते हैं। यह माना है कि कम समय में ज्यादा पैसे कमाने की चाहत ने उन्हें नकली शराब के धंधे में पड़े।
पुलिस की गिरफ्त में आये शराब तस्करों ने पूछताछ में यह भी बताया है कि जिस शराब की बोतल की कीमत 800 रुपये है, उसकी नकली बोतल सिर्फ 500 रुपये में ही मिल जाती है। उसी बोतल को वे 1400 रुपये तक में बेचते हैं। उनका कहना था कि नकली शराब बेचने से उनकी कमाई एक बोतल में 40 प्रतिशत तक ज्यादा होती है। इसी कमाई को देखते हुए उस तरह की शराब यहां लाकर बेचने लगे। झारखंड के गोड्डा और दुमका में नकली शराब बनाने का सामान भारी मात्रा में जब्त हुआ है और गोड्डा से छह अंतरराज्यीय माफियाओं को भागलपुर पुलिस ने पकड़ा था।
पुलिस की सक्रियता से बैकवर्ड लिंकेज तक हुई पहुंच
शराब की तस्करी पर रोक के लिए पुलिस के वरीय अधिकारी अक्सर इसके बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज तक पहुंचने का निर्देश देते रहे हैं। इस बार जब नकली शराब ने जान ले ली तब पुलिस ने सख्ती की और बैकवर्ड लिंकेज यानी जहां से शराब लाई जा रही है, वहां तक पहुंच बन सकी। गौरतलब है कि आंख की रोशनी गंवाने वाले अरविंद ने पुलिस को बयान दिया था जिसमें बताया था कि उसने अपने मित्र मिथुन के साथ शराब पी थी।
उसने बताया था कि साहेबगंज के सचिन और सागर से उसने शराब खरीदी थी। सचिन और सागर ने बताया था कि सतीश चौधरी और सोनू उर्फ लोहा सिंह शराब सप्लाई करता है। सोनू ने बताया था कि वह अजय सिंह के ऑटो से सतीश के साथ गोड्डा से शराब लेकर आता है। इस मामले में कुल 10 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। एसपी सिटी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि शराब तस्कर सतीश चौधरी की तलाश में छापेमारी की जा रही है।