जबलपुर
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व जज रोहित आर्या सोमवार को भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा की सदस्यता लेने के बाद रोहित आर्या ने अपनी सियासी पारी की औपचारिक शुरुआत कर दी। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि लोगों को न्याय दिलाने के बाद अब जनता के बीच सक्रिय रहकर लोगों की सेवा का मन बना लिया है।
जनसेवा की बात करते हुए रोहित आर्या ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में इससे बेहतर काम और क्या होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने भोपाल में रोहित आर्या को पार्टी की सदस्यता की शपथ दिलाई।
तीन महीने पहले ही रिटायर हुए हैं जस्टिस आर्या
बता दें कि जस्टिस रोहित आर्या तीन महीने पहले ही रिटायर हुए हैं। उन्होंने एक दशक से ज्यादा समय तक न्याय क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी। वे जज रहने के दौरान अपने कई महत्वपूर्ण आदेशों के लिए चर्चित रहे। यही वजह है कि उनकी न्याय देने की प्रक्रिया के कई वीडियो इंटरनेट में अब तक चर्चित बने हुए हैं।
कई मामलो में वकीलों की लगाई फटकार
कई मामलो में उन्होंने सुनवाई के बीच में ही न केवल ठीक से बहस न करने वाले वकीलों को फटकार लगाई बल्कि अधिकारियों को आईना दिखाया। आरोपियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई के दिशा-निर्देश जारी भी किए।
मुनव्वर फारूकी मामले में सुनाया था फैसला
विशेषकर स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और एक महिला की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले आरोपित के खिलाफ सुनाए गए निर्णय की चर्चा आज भी होती है। उन्होंने मुनव्वर को बेल नहीं दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को पलट दिया था।
जब डिप्टी डायरेक्टर को कहा था, "तुम चपरासी बनने लायक भी नहीं"
सिर्फ यही नहीं, जस्टिस रोहित आर्या अपने बयानों के लिए भी सुर्खियों में बने रहते थे. उनकी बेंच की सुनवाई काफी मशहूर रही है. रेत के अवैध खनन के एक मामले को लेकर सुनवाई के दौरान माइनिंग विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को उन्होंने एक बार आड़े हाथों लिया था.
उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर को भरी अदालत में यह तक कह दिया था कि तुम चपरासी बनने के लायक नहीं हो, तुम्हें अधिकारी किसने बना दिया. बाद में इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.
कौन हैं रिटायर्ड जस्टिस रोहित आर्या?
रिटायर्ड जस्टिस रोहित आर्या ने BA, LLB किया है. हाई कोर्ट में 29 साल तक वकील के तौर पर प्रैक्टिस भी की है. इन्हे 16 सितंबर, 2013 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और 26 मार्च, 2015 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
अपने फैसले और कार्य पद्धति को लेकर रहे थे चर्चा में
न्यायमूर्ति रोहित आर्या तीन माह पूर्व सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने एक दशक से अधिक अवधि तक न्यायदान किया. वे न्यायमूर्ति रहने के दौरान अपने कई महत्वपूर्ण आदेशों के लिए चर्चित रहे. यही वजह है कि उनकी न्यायदान प्रक्रिया के कई वीडियो इंटरनेट मीडिया में अब तक चर्चित बने हुए हैं. इनमें से कई में उन्होंने सुनवाई के बीच में ही न केवल ठीक से बहस न करने वाले वकीलों को फटकार लगाई. प्रशासनिक अधिकारियों को आईना दिखाया वरन आरोपितों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई के दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे. विशेषकर स्टेंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और एक महिला की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले आरोपित के विरुद्ध उनके द्वारा सुनाए गए निर्णय की चर्चा आज भी होती है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को पलट दिया था.
की संस्कारधानी जबलपुर में स्कूली और हायर एजुकेशन के साथ ही वकालत के पेशे में आने के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जज की कुर्सी तक पहुंचे थे न्यायमूर्ति रोहित आर्य.