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क्रिप्टो करंसी पर टैक्स से रातों-रात धनवान बनने का सपना अब देखनों वालों को लगेगा बड़ा झटका

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क्रिप्टोकरंसी में निवेश कर रातों रात धनवान बनने का सपना अब देखनों वालों को बड़ा झटका लगने वाला है। बजट में क्रिप्टो या डिजिटल संपत्ति पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव था जो अगले वित्त वर्ष से लागू हो जाएगा। इसके अलावा इसपर टीडीएस समेत अन्य कर भी लगेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में टैक्स के ऊंचे बोझ से छोटे निवेशक क्रिप्टो से दूरी बना सकते हैं, जिनकी संख्या सबसे अधिक है। इसका असर तेजी से बढ़ रहे क्रिप्टो उद्योग पर भी पड़ेगा।
बजट में सरकार ने ऐलान किया था कि क्रिप्टो से होने वाले लाभ पर सबसे ऊंची दर 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। साथ ही हर लेनदेन पर एक फीसदी टीडीएस भी लगेगा। इसके अलावा क्रिप्टो को जीएसटी के दायरे में लाने की भी तैयारी हो रही है। इसके मुकाबले शेयरों में निवेश टैक्स के पैमाने पर ज्यादा फायदेमंद है। शेयरों में मुनाफा पर केवल 10 से 15 फीसदी टैक्स लगता है।
छोटे निवेशकों में ज्यादा आकर्षण
उद्योग के अनुमान के अनुसार भारत में क्रिप्टो का बाजार एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। वहीं क्रिप्टो निवेशकों की संख्या 10 करोड़ से अधिक है दुनिया में सबसे ज्यादा है, लेकिन भारत में 80 फीसदी क्रिप्टो निवेशक 500 से दो हजार रुपये निवेश करने वाली श्रेणी हैं। अमेरिका 2.74 करोड़ क्रिप्टो निवेशकों के साथ दूसरे और रूस 1.74 करोड़ निवेशकों के साथ तीसरे स्थान पर है। जबकि नाइजीरिया 1.30 करोड़ निवेशकों के साथ चौथे स्थान पर है।
पैसा डूबने पर निवेशक खुद जिम्मेदार
शेयरों में निवेश पर बाजार नियामक सेबी निगरानी करता है और कुछ गलत पाए जाने पर तुरंत कंपनियों पर कार्रवाई करता है। क्रिप्टो को कोई नियामक नहीं है। वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक गवर्नर भी कह चुके हैं कि क्रिप्टो को भारत में मान्यता नहीं है। ऐसे में यदि क्रिप्टो में निवेश डूबता है इसके लिए निवेशक खुद जिम्मेदार होंगे। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) भी कह चुका है कि क्रिप्टो पर टैक्स लगाने का मतलब इसे कानूनी मुद्रा या संपत्ति न समझें।
क्रिप्टो उद्योग की चमक फीकी पडे़गी
निवेशकों की संख्या के मामले में भारत बहुत तेजी से अमेरिका को पीछे छोड़कर शीर्ष पर पहुंच गया है। इससे भारत में कई नए क्रिप्टो एक्सचेंज और इसके कारोबार से जुड़ी कंपनियां शुरू हुई हैं। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्स की ऊंची दर से छोटे निवेशक क्रिप्टो से दूरी बनाते हैं तो इसका सीधा असर इस उद्योग पर पड़ेगा और उनके लिए आगे कारोबार चलाना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में क्रिप्टो उद्योग ऊंचाई पर पहुंचने के पहले ही धड़ाम हो सकता है।