टीकमगढ़
भारत सरकार के केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने जिला पंचायत सभाकक्ष टीकमगढ़ में जन चौपाल लगाकर नागरिकों की समस्याओं को सुना तथा निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
संसदीय क्षेत्र को मॉडल के रूप में विकसित किया जाये।
अपने पिछले कार्यकाल के दौरान गांव में जाकर जनचौपाल लगाने का सिलसिला शुरू किया गया था। लेकिन इस बार केन्द्रीय मंत्री ने सभागार में इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि मेरे 29 वर्ष के राजनैतिक जीवन में मेरा कोई व्यक्तिगत कार्य नहीं रहा है, आप अच्छे से समाज के लिये कार्य करें, मैं हमेशा आप के साथ खड़ा रहूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी अपेक्षा यही है कि इतने वर्षाें से मैं क्षेत्र के लिये कार्य कर रहा हूं और मैं चाहता हूं कि अपने संसदीय क्षेत्र को मॉडल के रूप में विकसित किया जाये।
बच्चों के मुँह का निवाला नहीं छिनना चाहिये
जनचौपाल के दौरान केन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने आमजन की समस्याओं को सुनकर निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों से कहा कि पूरे जिले के विद्यालयों के राशन वितरण की जानकारी प्रदान करने के साथ ही ये ध्यान रखा जाए कि बच्चों के मुँह का निवाला कहीं नहीं जाना चाहिये। इसी के साथ ही अतिरिक्त 50 सीटर कन्या छात्रावास बनाने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजें। उन्होंने जन औषधि केंद्र का स्थान परिवर्तन करके प्रथम तल पर कराने के निर्देश दिये, जिससे वृद्ध और दिव्यांगजनों को औषधि केन्द्र पहुँचने में कठिनाई नहीं हो। उन्होंने निर्देशित किया कि नये बस स्टैंड से सागर बायपास रोड पर लाइट की व्यवस्था के साथ प्रतीक्षालय बनवायें। अवैध कालोनियों के सम्बंध में कार्यवाही की जाये, जिससे कालोनियों के कारण जल निकासी अवरुद्ध न हो और शहर में जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि जहाँ भी निर्माण कार्य जनहित में हो रहा हो वहां तुरंत ऐसे कार्यों को पूर्ण करायें।
तालाबों और गौचर भूमि तत्काल अतिक्रमण मुक्त करायें
जनचौपाल के दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि तालाबों की भूमि पर जहाँ भी अतिक्रमण है उस पर सख्ती से कार्यवाही करते हुए तुरंत अतिक्रमण मुक्त करायें। विद्यालयों में खाद्यान्न वितरण प्रतिदिन करवाना सुनिश्चित करवाये उन्होंने गणेशगंज में विद्युत लाइन डलवाने के निर्देश दिये। उन्होंने गौचर भूमियों पर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये।
ऐसी सोच से होगा बदलाव
केन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने अधिकारियों से कहा कि समाज व जनता की यही अपेक्षा होती है कि उनकी छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण हो सके। उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से कहा कि हमारे पास जो भी व्यक्ति आता है तो स्वयं को उस व्यक्ति के स्थान पर रखकर सोचना चाहिये, ताकि सहानभूति से निराकरण हो सके।
उन्होंने निर्देशित किया कि जनचौपाल के दौरान प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निराकरण कर आवेदकों को सूचित करें। उन्होंने निर्देशित किया कि विकासखंड स्तर के अधिकारी विकासखंड पर ही समस्याओं का निराकरण करायें, ताकि जनता की समस्याओं का तुरंत निराकरण हो सके।