खैरागढ़। खैरागढ़ उपचुनाव को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे (जकांछ) के प्रत्याशी घोषणा के साथ ही पार्टी में विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। अधिवक्ता नरेंद्र सोनी के नाम की घोषणा के कुछ देर बाद ही पार्टी के चुनाव प्रभारी बनाए गए जरनैल सिंह ने पद छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र सोनी को उम्मीदवार बनाए जाने से वह हताश और खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि अन्य अच्छे लोग चुनाव लडऩे के लिए उपलब्ध हैं।
जकांछ ने अधिवक्ता और स्व. देवव्रत सिंह के बहनोई नरेंद्र सोनी को उम्मीदवार बनाया है। राजा देवव्रत सिंह ही यहां से विधायक थे और उनके निधन के बाद ही यह सीट खाली हुई है। उनके नाम की घोषणा करने के साथ ही महामंत्री महेश देवांगन ने कहा था कि केंद्रीय संसदीय बोर्ड ने नरेंद्र सोनी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। साथ ही बताया था कि खैरागढ़ उप-चुनाव का संचालन सरदार जरनैल सिंह भाटिया करेंगे। चुनाव प्रभारी सरदार जरनैल सिंह ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि खैरागढ़ उपचुनाव के लिए आपने मुझे चुनाव प्रभारी बनाया है, किन्तु आपकी ओर से चयनित प्रत्याशी नरेंद्र सोनी मेरी और हम सभी कार्यकतार्ओं की भावनाओं के विपरीत है। अगर हमारे पूर्व विधायक स्व. देवव्रत सिंह के परिवार में उनकी लड़की या उनकी बहनों में से किसी एक को अपना प्रत्याशी बना सकते तो सही मायनों में उनको सच्ची श्रद्धांजलि होती।
पत्र में यह भी कहा गया है कि देर रात उन्होंने बार-बार प्रत्याशी बदलने और बिना चुनाव में जाए दूसरे विकल्पों के लिए अनुरोध किया गया। इसके बाद भी उनके और बहुत सारे कार्यकतार्ओं के आग्रह को नजर-अंदाज कर नरेंद्र सोनी को प्रत्याशी बनाए जाने से वह काफी अपमानित महसूस कर रहे हैं। इसके चलते चुनाव प्रभारी के पद से खुद को अलग कर रहे हैं। साथ ही नीचे नोट कर लिखा गया है कि अन्य अच्छे लोग चुनाव लडऩे को उपलब्ध हैं।