जयपुर। राजस्थान की राजनीति में गुटबाजी नई बात नहीं है। भैरोसिंह शेखावत से लेकर हरदेव जोशी को गुटबाजी का सामना करना पड़ा था। प्रदेश में सीएम गहलोत और सचिन पालयट की बीच जारी अदावत जगजाहिर है। राजस्थान में 1996 में शेखावत सरकार के तख्तापलट के प्रयास किए गए थे। शेखावत अमेरिका में दिल का इलाज कराने के लिए गए थे। पीछे से बगावत हो गई। जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते भंवरलाल शर्मा ने तख्तापलट के प्रयास किए थे। शर्मा ने राज्यमंत्री शशि दत्ता के साथ सरकार गिराने की तैयारी कर ली थी, लेकिन राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस में ही सरकार गिराने का विरोध हो गया था। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और गुजरात के राज्यपाल रहे स्वर्गीय पंड़ित नवलकिशोर शर्मा के मास्टर स्ट्रोक से शेखावत सरकार गिरने से बच गई।
शेखावत ने नवलकिशोर शर्मा को बताया था- घर का पंड़ित
नवलकिशोर शर्मा ने खुलकर शेखावत सरकार को गिराने का विरोध कर दिया। उस समय के तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष अशोक गहलोत भी शेखावत सरकार को गिराकर कांग्रेस की सरकार बनाने के पक्ष में नहीं थे। अमेरिका से लौटने के बाद नवलकिशोर शर्मा भैरोसिंह शेखावत से कुशलक्षेप पूछने के लिए घर पहुंचे तब शेखावत ने कहा था- घर के पंड़ितजी की वजह से सरकार बच गई। भैरौसिंह शेखावत और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पंड़ित नवलकिशोर शर्मा की मित्रता सियासी गलियारों में चर्चित रही है। जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस दौरान नवलकिशोर शर्मा गुजरात के राज्यपाल थे। पीएम मोदी नवलकिशोर शर्मा का बेहद सम्मान करते थे। करीब 5 साल पहसे पीएम मोदी ने शर्मा के पुत्र ब्रजकिशोर शर्मा से भी बात कर हालचाल जाना था।
हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल से ली थी मदद
आरोप है कि शेखावत सरकार को गिराने के लिए भंवरालाल शर्मा ने हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल से मदद ली थी। भजनलाल आयाराम गयाराम की राजनीति मास्टर माइंड माने जाते थे। सरकार को गिराने की बात शेखावत के दामाद नरपतसिंह राजवी तक पहुंच गई। राजवी ने यह बात सीएम भैरोसिंह शेखावत को बताई। इसके बाद शेखावत बिना आपरेशन कराए जयपुर लौट आए थे। शेखावत के लौटने के बाद विधायकों और मंत्रियों को चौखी ढ़ाणी में ले जाकर ठहरा दिया। इसके बाद शेखावत ने विधानसभा में बहुमत सिद्ध कर दिया। सीएम गहलोत ने पिछले साल पायलट कैंप की बगावत के समय खुलासा किया था कि भंवरलाल शर्मा ने शेखावत सरकार गिराने के लिए उनसे संपर्क किया था। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। गहलोत सरकार के खिलाफ पायलट कैंप की बगावत के समय विधायक भंवर लाल शर्मा ने सचिन पायलट का साथ दिया था। लेकिन बाद में भंवरलाल शर्मा ने पाला बदल लिया और सीएम गहलोत के समर्थन में आ गए।