गाजियाबाद.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (डीएमई) पर शुक्रवार देर रात एक लूट की घटना ने इस मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह एक्सप्रेस-वे, जो 24 घंटे यात्रा के लिए सुरक्षित माना जाता था और सीसीटीवी कैमरों से लैस है। इस वारदात ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या इस वारदात को देखते हुए यह एक्सप्रेसवे अब उतना सुरक्षित है, जितना आम आदमी सोचते हैं।
दिल्ली के उत्तम नगर निवासी सन्नी और उनकी मंगेतर आशिका शुक्रवार रात अपनी स्विफ्ट कार में हरिद्वार के लिए रवाना हुए थे। मेरठ पहुंचने से पहले ही खराब मौसम के कारण उन्होंने अपनी यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया और मेरठ के परतापुर टोल प्लाजा से वापस दिल्ली की ओर मुड़ गए। वापसी यात्रा के दौरान कुशलिया गांव के निकट एक पुल पर उन्होंने शौचालय के लिए अपनी कार रोकी। इसी दौरान चार अज्ञात बदमाश पैदल ही उनकी ओर आए और सन्नी की कनपटी पर पिस्टल तान दी। बदमाशों ने सन्नी के गले से सोने की चेन और आशिका का पर्स छीन लिया, जिसमें 80,000 रुपये नकद, आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज थे।
घटना के तुरंत बाद पीड़ितों ने पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पीड़ितों का बयान दर्ज किया। मसूरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है। मसूरी के एसीपी नरेश कुमार ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।
इस घटना ने डीएमई की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसीपी ने आम जनता से अपील की है कि वे रात्रि यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतें। उन्होंने सलाह दी कि लोग केवल सुरक्षित स्थानों पर ही वाहन रोकें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। इस घटना ने एक बार फिर यात्रियों को सतर्क रहने और अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता पर जोर दिया है। प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह एक्सप्रेस-वे पर गश्त बढ़ाए और अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।