पटना
लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि अगस्त में केंद्र की एनडीए सरकार गिर जाएगी। उनके इस दावे पर बीजेपी नेता सुशील सिंह ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि लालू यादव की उम्र अब बढ़ती जा रही है। सामान्य रूप से उम्र का असर हर इंसान पर होता है। लालू यादव में भी यही देखने को मिल रहा है। उनके बयानों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।
बीजेपी नेता सुशील सिंह ने कहा, “लालू प्रसाद यादव के ऊपर बढ़ती उम्र का असर है। तभी वो इस तरह के बयान दे रहे हैं। सपना देखने में कोई हर्ज नहीं है। सपना लालू जी भी देख रहे हैं। लेकिन हम लालू जी और आरजेडी के कार्यकर्ताओं से यही कहना चाहते हैं कि लालू जी ने जो कुछ भी कहा है, उसे नोट कर रख लें। इस बात को लिखकर रख लें कि लालू जी ने कहा है कि अगस्त में सरकार गिर जाएगी। लालू जी इसी प्रकार पहले भी कई तरह के झूठ बोलते आए हैं और इस तरह से उनको बोलने की आदत है। उन्हें खुद की ही बात याद नहीं रहती कि पहले मैंने क्या कहा था, इसलिए मैं यह बात कहना चाहता हूं कि वो लोग मेरी बात को नोट करके रख लें। वैसे सपना देखने में कोई समस्या नहीं है। उम्र का असर उन पर भी हो गया है।“
तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार के राज में बिहार में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है। इस सवाल पर बीजेपी नेता सुशील सिंह ने कहा, “कानून को मानने वाला कोई भी व्यक्ति आपराधिक घटनाओं को कभी सपोर्ट नहीं करेगा। हमेशा हम यही कहेंगे कि ऐसा नहीं होना चाहिए। कानून-व्यवस्था नियंत्रित रहनी चाहिए, लेकिन आरोप लगाने वालों को जरा अपने गिरेबान में भी झांक कर देखना चाहिए कि जब उनके माता–पिता की सरकार थी, तो उनकी स्थिति क्या थी। तब बिहार में लोग घर से नहीं निकलते थे और उस समय सरकार द्वारा संरक्षित अपराध होते थे। अपराधियों को सरकार से संरक्षण मिलता था। यही नहीं, सरकार के एक फोन पर अपराधियों को छोड़ दिया जाता था, लेकिन आज स्थिति ऐसी नहीं है। हालांकि, मैं किसी भी आपराधिक घटना को सपोर्ट नहीं करता हूं, लेकिन इस सरकार में किसी भी अपराधी को संरक्षण या समर्थन नहीं मिल रहा है। उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो रही है।“
तेजस्वी द्वारा 2025 के चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने के दावे पर भी सुशील सिंह ने कहा, “तेजस्वी यादव अभी कह रहे थे कि बिहार में एनडीए साफ हो जाएगा, लेकिन हुआ क्या। हम सब जानते हैं। देखिए इस तरह के दावे से कुछ नहीं होता है। यह लोकतंत्र है और अंतिम फैसला जनता के हाथ में है।“
वहीं, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने भी लालू प्रसाद यादव के बयान पर तंज कसते हुए कहा, “न्यायपालिका द्वारा सजा मुकर्रर होने के बाद लालू प्रसाद यादव ने भविष्यवाणी करने का काम शुरू कर दिया है। अब लालू जी भविष्यवक्ता बन गए हैं। अब हम बिहार के आम लोगों से गुजारिश करना चाहेंगे कि वो अपनी जन्म टिप्पणी लेकर लालू जी के पास जाएं, वो आपको बताएंगे कि आपके भाग्य में क्या है। 2029 तक मोदी सरकार चलेगी और लालू प्रसाद यादव जी आप इसी तरह से लगातार तड़पते रहेंगे और भ्रष्टाचारी जेल की सलाखों तक जाते रहेंगे।“
चिराग का लालू यादव पर तंज, कहा- पांच साल यही बताकर कार्यकर्ताओं को उलझाए रखना है
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के 'अगस्त में सरकार गिरने' के बयान पर जोरदार कटाक्ष करते हुए कहा कि ये यही कहते रहेंगे, इन्हें कार्यकर्ताओं को उलझाए रखना है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में तैयारी नहीं कर पाए, अब करने जा रहे हैं। कितनी सीटों पर चुनाव लड़े और कितनी सीटें जीते, यह सबको पता है। अभी अगस्त में सरकार गिराएंगे, फिर आगे यही बोलते-बोलते पांच साल निकाल देंगे।
चिराग ने कहा, "मजबूती से अगले पांच साल तक सरकार चलेगी और अगले पांच साल में देश हित में कई बड़े ऐतिहासिक फैसले भी लिए जाएंगे, जिसमें एनडीए के सभी दलों का समर्थन होगा। एनडीए की सरकार मजबूती से चल रही है।"
उल्लेखनीय है कि राजद के 28वें स्थापना दिवस समारोह में लालू यादव ने कहा था कि अगस्त माह में केंद्र की एनडीए सरकार गिर जाएगी।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने पर चिराग पासवान ने कहा, "मैं सफाई कतई नहीं दूंगा कि उनके राज में क्या होता था। 90 का दशक इसीलिए जंगलराज के रूप में जाना जाता था। आप विपक्ष में हैं उसका धर्म निभाएं, लेकिन सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएं।"
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब नौकरी देने का श्रेय लेना हो तो हर मंच से खड़े होकर आप बोलते हैं, लेकिन जब पुल गिरने की बात होती है तो चुप। उन्होंने कहा कि ऐसा तो नहीं कि सभी पुलों का निर्माण छह महीने के अंदर ही हुआ है? उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था हमलोगों के लिए चिंता का विषय है।
राहुल गांधी द्वारा अग्निवीर के शहीदों पर उठाए गए सवाल को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि गलत तथ्यात्मक जानकारी सदन के पटल पर रखेंगे, ऐसा नहीं होगा। आप एक सांसद ही नहीं, आप एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं, एलओपी के पद की अपनी एक गंभीरता होती है।