Home देश इंसानी दिमाग को खा रहा अमीबा, केरल में संक्रमण का चौथा मामला

इंसानी दिमाग को खा रहा अमीबा, केरल में संक्रमण का चौथा मामला

11
0

कोझिकोड
 केरल में मस्तिष्क खाने वाले अमीबा के संक्रमण का एक और मामला सामने आया है। ‘अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ दूषित जल में पाए जाने वाले अमीबा से होता है।

एक अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उत्तरी केरल के कोझिकोड जिले का पय्योली निवासी 14 वर्षीय किशोर इस संक्रमण से पीड़ित है। उसी अस्पताल में किशोर का उपचार किया जा रहा है।

मई के बाद से राज्य में, अमीबा से होने वाले संक्रमण का यह चौथा मामला है और अब तक के मामलों में बच्चे ही इससे पीड़ित हुए हैं। पहले के मामलों में तीनों बच्चों की मौत हो चुकी है।

किशोर का इलाज कर रहे एक चिकित्सक ने कहा कि उसे एक जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत में सुधार हो रहा है।

चिकित्सक ने शनिवार को बताया कि किशोर में संक्रमण की शीघ्र पहचान कर ली गई और विदेश से दवाइयां मंगाने सहित अन्य उपचार दिए गए।

इससे पहले, बुधवार रात 14 वर्षीय एक किशोर की इसी संक्रमण से मौत हो गई थी, मलप्पुरम की पांच वर्षीय लड़की और कन्नूर की 13 वर्षीय किशोरी की क्रमशः 21 मई और 25 जून को मस्तिष्क संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई थी।

संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को एक बैठक की जिसमें संक्रमण को रोकने के लिए गंदे जलाशयों में न नहाने सहित कई सुझाव दिए गए।

बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि स्विमिंग पूल में क्लोरीन डाला जाना चाहिए और बच्चों को इनमें प्रवेश करते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि वे इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी लोगों को जलाशयों को साफ रखने का ध्यान रखना चाहिए।

संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को एक बैठक की जिसमें संक्रमण को रोकने के लिए गंदे जलाशयों में न नहाने सहित कई सुझाव दिए गए। बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि स्विमिंग पूल में क्लोरीन डाला जाना चाहिए और बच्चों को इनमें प्रवेश करते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि वे इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी लोगों को जलाशयों को साफ रखने का ध्यान रखना चाहिए।

अमीबा क्या है और इसे कैसे रोका जा सकता है?

अमीबा एक सूक्ष्मजीव है जो प्रोटोजोआ वर्ग से संबंधित है। यह एक कोशिकीय जीव है, जिसका आकार और रूप बदलता रहता है। अमीबा पानी, मिट्टी, और मानव एवं पशु आंतों में पाया जाता है। यह कई प्रकार का हो सकता है, जिनमें से कुछ मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। उदाहरण के लिए, "एंटामोएबा हिस्टोलिटिका" नामक अमीबा आमतौर पर अमीबायसिस नामक बीमारी का कारण बनता है, जो आंतों में संक्रमण पैदा करता है।

अमीबा संक्रमण के लक्षण:

पेट दर्द
दस्त (जो खून के साथ भी हो सकता है)
बुखार
उल्टी
कमजोरी

अमीबा संक्रमण से बचाव:

साफ पानी का सेवन: केवल शुद्ध और साफ पानी पीना चाहिए। अगर आप सुनिश्चित नहीं हैं कि पानी शुद्ध है या नहीं, तो उसे उबालकर या फिल्टर करके पीएं।

स्वच्छता का ध्यान: खाने से पहले और बाद में, और बाथरूम इस्तेमाल करने के बाद हाथ धोना चाहिए।

सुरक्षित भोजन: सड़क किनारे का खाना और अधपका भोजन खाने से बचना चाहिए। सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोकर ही खाएं।

स्वास्थ्यवर्धक आदतें: खाने के बर्तन और पीने के पानी के बर्तन साफ रखें।

संक्रमित व्यक्तियों से बचाव: अमीबा संक्रमण वाले व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें और उनके इस्तेमाल की चीजों का भी उपयोग न करें।

मेडिकल जांच: यदि अमीबा संक्रमण के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और आवश्यक जांच कराएं।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here