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‘आप’ की नजर पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ पर

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रायपुर। आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से दूसरी बार छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करने के बाद पार्टी नेताओं ने बड़े दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने राज्य में ब्लॉक स्तर पर काडर बना लिए हैं और अब सदस्यता अभियान पर बड़े पैमाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पार्टी नेताओं ने यह भी दावा किया कि वे ‘आप’ में शामिल होने के इच्छुक कई कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के संपर्क में हैं।
आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय रविवार को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के आप नेताओं के साथ बैठक की और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पार्टी के प्रदेश कार्यालय का भी उद्घाटन किया। पंजाब में पार्टी की जीत को लेकर राय सोमवार को रायपुर में आयोजित ‘विजय यात्रा’ में भी हिस्सा लेंगे। छत्तीसगढ़ की राजनीति में पार्टी के प्रवेश के बारे में जनता को संदेश।
बीते चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई थी आप
आपको बता दें कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में ‘आप’ ने छत्तीसगढ़ में 90 में से 85 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी अपना खाता खोलने में भी कामयाब नहीं हो पाई थी। हालांकि इस बार फिर आप नेता दावा कर रहे हैं कि वे 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस दोनों को कड़ी टक्कर देंगे।
आप के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा, ‘हमने राज्य के सभी जिलों में ब्लॉक-स्तर पर काडर बना लिए हैं और अब हम अपने सदस्यता अभियान पर फोकस कर रहे हैं। आप का लक्ष्य बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को विकसित करना है और हमें यकीन है कि चुनाव से पहले पार्टी राज्य में कांग्रेस और भाजपा दोनों को चुनौती देने की स्थिति में होगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘भाजपा ने 15 साल शासन किया लेकिन उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए कुछ खास नहीं किया। कांग्रेस ने अपने तीन साल के शासन में केवल लोगों और पूरे राज्य को बेवकूफ बनाया है और उनके काम केवल पोस्टर और होर्डिंग में हैं। लोग समझ गए हैं और अब वे हमारे जैसे बेहतर विकल्प की उम्मीद कर रहे हैं।’
हुपेंडी ने दावा किया कि भाजपा और कांग्रेस के कई नेता ‘आप’ के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको नाम नहीं बता सकता, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के कुछ बड़े नेता हमारे संपर्क में हैं और भविष्य में जरूरत पड़ने पर उनके नाम सार्वजनिक किए जाएंगे।’ आपको बता दें कि 2018 के चुनाव में कुल 90 सीटों में कांग्रेस ने 68 सीटें जीती थीं जबकि बीजेपी 15 पर सिमट गई थी। अजीत जोगी की जनता पार्टी छत्तीसगढ़ ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में सात सीटें जीती थीं।
वहीं दूसरी ओर एक कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जोगी के निधन के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक जगह खाली हो गई है आप इसे भरने की कोशिश कर रही है। दूसरी बात यह है कि पंजाब में जीत के बाद वे (आप) छत्तीसगढ़ पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी में ऐसे नेता हैं जो भविष्य की राजनीति के विकल्प के रूप में आप पर नजर गड़ाए हुए हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने ‘आप’ को बीजेपी की ‘बी-टीम’ बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की राजनीति के मिजाज में किसी तीसरे दल के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा, ‘राज्य के लोग किसानों और आदिवासियों के प्रति कांग्रेस की निष्ठा को जानते हैं और इसलिए राज्य में किसी अन्य पार्टी का राजनीतिक भविष्य नहीं है। दूसरे, आप भाजपा की ‘बी टीम’ है और भाजपा की मदद के लिए यहां आई है। इसके अलावा उसका कोई अस्तित्व नहीं है।’
छत्तीसगढ़ के राजनीतिक विश्लेषक परवेश मिश्रा ने कहा कि आप की छत्तीसगढ़ में ब्लॉक स्तर तक मौजूदगी के दावे कहीं न कहीं बेइमानी लगते हैं। उन्होंने कहा, ‘राज्य की राजनीति में तीसरे खिलाड़ी के उभरने की संभावना सालों से बनी हुई है। विद्या चरण शुक्ला और अजीत जोगी ने इसकी कोशिश की, लेकिन दोनों ही असफल रहे। कांग्रेस और भाजपा की बात करें तो एक से असंतुष्ट लोग अतीत में दूसरे के साथ चले गए हैं। लेकिन वे किसी नए राजनीतिक दल के साथ जाएंगे, ऐसा नहीं लगता।
आम आदमी पार्टी के दावों पर भाजपा ने भी कहा कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में ‘तीसरे खिलाड़ी’ के लिए कोई जगह नहीं है। भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासनेने कहा, ‘2018 में उन्होंने (आप) चुनाव लड़ा और एक भी सीट नहीं जीत पाए, इस बार भी परिणाम वही होगा। राज्य में तीसरे दल के लिए कोई जगह नहीं है। हम आगामी चुनाव इसलिए जीत रहे हैं क्योंकि राज्य के लोग वर्तमान कांग्रेस सरकार से तंग आ चुके हैं और अब उन्होंने भाजपा को वोट देने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि पंजाब की जीत के बाद आप अतिउत्साहित है।