रायपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निदेर्शानुसार छत्तीसगढ़ राज्य में भी तहसील स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक आज वर्ष का पहला नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति यू.यू. ललित के द्वारा जिला न्यायालय राजनांदगांव में आयोजित नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों की विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी से जानकारी प्राप्त की गई।
इसी क्रम में न्यायमूर्ति यू.यू. ललित के द्वारा राजनांदगांव जिला न्यायालय के ही एक न्यायालय पीठासीन अधिकारी अनिता कोशिमा, न्या.मजि.प्र. के न्यायालय में वर्ष 2018 से लंबित माता मालतीबाई एवं पुत्र किशुन ठाकुर के मध्य लंबित फौजदारी के मामले में समझौता की कार्यवाही का जायजा लिया गया। न्यायाधीश एवं पक्षकारों से चर्चा की गई।उक्त प्रकरण में पक्षकार की माता मालतीबाई जो अपनी वृद्धावस्था के कारण न्यायालय में आने में असमर्थ थी।उन्हें विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वॉलिंटियर नीरज साहू के द्वारा ग्राम सिल्वोहा में जाकर विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी उपस्थिति न्यायालय में सुनिश्चित कराई गई। इस प्रकार धारा 294, 506बी, 323 का यह मामला न्यायमूर्तिगण की उपस्थिति में आपसी सुलह समझौता से निराकृत कराई गई।
इसी प्रकार तहसील न्यायालय अम्बागढ़ चौंकी में पीठासीन अधिकारी रोजमी खाखा, न्या.मजि.प्र. के न्यायालय में लंबित दो काउंटर प्रकरणों में आपसी सुलह समझौता से मामला निराकृत कराया गया।जिसमें पक्षकार भीषण निषाद और मदन बंदेश्वर के मध्य धारा 294, 323, 506बी भादवि के कांउटर प्रकरण में दोनों पक्षकारों ने एक दूसरे पर लगाये गये अपने मामले को आपसी रजामंदी से लोक अदालत के माध्यम से समझौता कर प्रकरण का निराकरण कराये।न्यायमूर्ति यू.यू. ललित द्वारा भी उक्त पक्षकारों से और न्यायाधीश व लोक अदालत के उपस्थित सदस्यों से प्रकरण के संबंध में चर्चा की।भविष्य में किसी प्रकार की कोई लडाई झगडा नहीं करने की समझाईस दी गई।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के द्वारा आयोजित नेशनल लोक अदालत की गठित खण्डपीठों का निरीक्षण किया गया तथा उपस्थित पक्षकारों को अपने मामले आपसी सुलह समझौता से कराने व उसके फायदे के बारे में बताते हुए प्रकरण निराकरण हेतु प्रेरित करते हुए पौधा देकर सम्मानित व प्रोत्सहित किया गया।न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के द्वारा बैंक अधिकारियों, विद्युत मंडल के अधिकारियों, विभिन्न विभागों से आये अधिकारियों से भी लोक अदालत के संबंध में चर्चा की गई।न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से आपसी राजीनामा से समझौता कर प्रकरण निराकृत किया जाता है। इसकी अपील नहीं होती है। लोक अदालत से प्रकरण के निराकरण होने पर दोनो पक्षकार खुश होकर जाते है। लोगों का लोक अदालत के प्रति अच्छी प्रतिकिया है। हमारे देश में इतनी ज्यादा जनसंख्या और इतने मामले हैं। लोक अदालत से लोगों को जल्दी न्याय मिलता है। लोक अदालत से एक रास्ता खुलता है। लोगों ने अपने अहम को हटाकर आपसी समझौता से अपने मामले निपटाये 7 सालसा की योजनाओं से भी लोगों को व के माध्यम से मामले निराकृत करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। अधिक से अधिक मामलों को निराकरण करने का प्रयास हो रहा है।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष विनय कुमार कश्यप, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अन्य न्यायिक अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहें।