सिवनी
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में दस दिनों के अंदर 65 गोवंश की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक 22 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें से सात आरोपितों को नागपुर से पकड़ा गया है। नागपुर के आरोपितों ने ही वारदात का षड्यंत्र रचा था। गोवंश की तस्करी में असफल आरोपितों ने वध के बाद गोवंश को जंगल और नदी में छोड़ दिया था।
गोवंश-वध के लिए मिलती थी राशि
पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता ने बताया कि महाराष्ट्र के नागपुर के मोमिनपुरा निवासी आरोपित इसरार अहमद के माध्यम से अन्य तस्करों को गोवंश-वध करने के लिए अच्छी-खासी रकम दी जाती थी। गोवंश-वध करने के लिए इसरार को राशि मिलती थी। पुलिस इस विषय पर गहनता से छानबीन व जांच कर रही है।
आरोपितों ने स्वीकारा अपराध
मेहता ने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए गोवंश-वध की घटना को अंजाम देने की बात प्रारंभिक जांच में सामने आई है। प्रकरण में विस्तृत विवेचना पूरी होने के बाद पुख्ता तौर पर स्पष्ट हो सकेगा कि गोवंश-वध के पीछे आरोपितों का मूल उद्देश्य क्या था, अभी तक की पूछताछ में पहली बार आरोपितों ने इस तरह से वारदात को अंजाम देने की बात पुलिस के सामने स्वीकार की है।
नागपुर के आरोपितों ने रचा था षड्यंत्र
एसपी ने बताया कि गुरुवार को पुलिस ने 15 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि त्योहार के दौरान सिवनी पुलिस की सख्ती को देखते हुए गोवंश की तस्करी में असफल आरोपितों ने वध के बाद गोवंश को जंगल और नदी में छोड़ दिया था। नागपुर के आरोपितों ने वारदात का षड्यंत्र रचा था। प्रकरण में शामिल पांच आरोपितों वाहिद खान, शादाब खान, संतोष कवरेती, रामदास उइके व इरफान मोहम्मद पर कलेक्टर ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुआ) की कार्रवाई है। अन्य आरोपितों के अपराधिक प्रकरणों की जांच की जा रही है।