वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों के बीच डिबेट हुई। इस डिबेट में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन कई बार फंसते हुए दिखे। वहीं ट्रंप का आक्रमक रूप देखने को मिला। ट्रंप लगातार बाइडन की नीतियों, माइग्रेशन क्राइसिस, रूस यूक्रेन युद्ध को न संभाल पाने का मुद्दा उठाते रहे। इस डिबेट के दौरान बाइडन फ्रीज होते रहे और घबराते दिखे। उन्होंने कई गलत बयान दिए, जिससे उनकी डेमोक्रेट पार्टी में नाराजगी और चिंता पैदा हो गई है। चुनाव में अब चार महीने से भी कम का समय बचा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि उन्हें उम्मीदवारी से हटाया जा सकता है।
इस डिबेट के बाद CNN के मुख्य राष्ट्रीय संवाददाता जॉन किंग ने बताया कि आखिर बाइडेन की पार्टी के लोग क्या बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बाइडेन से खुद पद छोड़ने के लिए कहना चाहते हैं। वहीं कुछ लोग सार्वजनिक रूप से इस बारे में बोलने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह एक गेम चेंजिंग डिबेट थी। डेमोक्रेटिक पार्टी में एक गहरी, व्यापक और बहुत आक्रामक घबराहट देखी जा रही है। इसमें पार्टी के रणनीतिकार शामिल हैं। इसमें निर्वाचित सदस्य हैं, पार्टी के फंडरेजर भी शामिल हैं। वे राष्ट्रपति के प्रदर्शन को लेकर बातचीत कर रहे हैं, जो उन्हें लगता है कि निराशाजनक था। उन्हें लगता है कि इससे पार्टी के अन्य लोगों को नुकसान होगा और वे बातचीत कर रहे हैं कि आगे क्या करना चाहिए।'
फ्रीज हो गए बाइडन
इस डिबेट में एक ऐसा मौका आया, जो शायद इस सप्ताह, महीने या शायद वर्षों तक चर्चा का विषय बना रहेगा। बाइडन लगभग 9 सेकंड के लिए कुछ बोल नहीं पाए। ऐसा लग रहा था कि शायद उनकी सोचने की क्षमता चली गई है। इस दौरान ट्रंप उनकी तरह मुड़कर देखते रहे। अमेरिका समेत पूरी दुनिया ने इस डिबेट को देखा। लोग बाइडन की क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं ट्रंप ने डिबेट में कहा कि आज हम तीसरे विश्वयुद्ध के करीब पहुंच गए हैं, इसका कारण बाइडन हैं।
बाइडन हटेंगे पीछे?
जॉन किंग ने कहा, 'पार्टी के कुछ लोग बातचीत कर रहे हैं कि क्या उन्हें व्हाइट हाउस जाना चाहिए और राष्ट्रपति की उम्मीदवारी से हटने के लिए कहना चाहिए? बहस की शुरुआत ही खराब हुई। बाद में बाइडन भले ही ठीक से जवाब देते रहे। लेकिन अंत में उनका जवाब संतोषपूर्ण नहीं रहा।' उन्होंने आगे कहा, 'ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के भी बहुत से लोग सोचते हैं कि यह डिबेट उनके लिए अच्छी नहीं रही। ट्रंप ने जितना हो सका फैक्ट से हटकर बातें कही। 6 जनवरी की हिंसा को लेकर उन्होंने सीधे सवालों का जवाब देने से इनकार किया।'