Home छत्तीसगढ़ आखिर पीओआर करने में क्यों लगा एक सप्ताह

आखिर पीओआर करने में क्यों लगा एक सप्ताह

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रायगढ़ से सुशील पांडेय की रिपोर्ट
कही मामले को रफादफा करने में तो नही लगा था विभाग
जूटमिल पुलिस ने चिरान से लदी गाड़ी को किया था वन विभाग के सुपुर्द
रायगढ़।
वन विभाग को दो वाहन में लोड लकड़ी के गोले और चिरान मामले में पीओआर करने में आखिरकार एक सप्ताह क्यों लग गया।कही विभाग कर्मचारी मामले को रफा दफा करने के फिराक में तो नही थे।
बताया जा रहा है कि जूटमिल पुलिस ने चिरान व गोला से भरी दो पिकअप वाहनों को पकड़ कर फारेस्ट विभाग के सुपुर्द किया है मगर अब तक विभाग यह नहीं बता पा रही है कि लकड़ी कहां चिरान की गई और किस प्रजाति की हैं। विभाग ने एक वाहन पर पीओआर किया गया लेकिन दूसरे में दर्ज नहीं किया था।मामले में शनिवार को दूसरे में भी पीओआर करने की बात कही जा रही है।वनमंडल के रायगढ़ रेंज में लकड़ी तस्कर चुस्त और विभाग सुस्त हो गया है तभी तो आज एक नहीं बल्कि दो-दो पिकअप वाहनों में बड़ी मात्रा में चिरान व गोला का बिना कोई दस्तावेज परिवहन किया जा रहा था और विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं पड़ी। ऐसे में मुखबिर की सूचना पर जूटमिल पुलिस को फारेस्ट का काम सम्हालना पड़ा और दोनों पिकअप वाहनों को धरदबोचा गया। ड्राइवरों से कागजातों की मांग की गई मगर वे प्रस्तुत नहीं कर सके सिर्फ इतना ही बता सके कि वे एक आरा मिल से इसका चिरान के वापस जा रहे थे। ऐसे में जूटमिल पुलिस ने रायगढ़ रेंज के अधिकारियों को इसकी सूचना दी और मय लकड़ी पिकअप वाहनों को फारेस्ट के सुपुर्द कर दिया है। पकड़ी है पिकअप क्रमांक सीजी 13 ए 8257 और सीजी 13 एल 3075 में चिरान और गोले भरे हैं मगर रेंज के अधिकारी अब तक यह बता आने में असमर्थ हैं कि इतनी बड़ी तादात में आखिर यह लकड़ी किस आरा मिल में चिरान की गई।
मामला संदेह के घेरे में
इस मामले में रेंजर छोटेलाल डनसेना से बात करने पर बताया कि लकड़ी किसान की है। उसके द्वारा कागजात पेश करने के उसका बयान लिया जा रहा है।उसके बाद मौके पर जाकर लड़की के ठूठ की जांच करने की बात कही जा रही है।वही पुलिस दोनों वाहन को करीब 15 दिन पहले पकड़ने की बात कह रही है।अगर ऐसा है तो पुलिस उस किसान का बयान क्यों नही लिया।और 15 दिन तक उसे क्यों अपने कब्जे में रखा।
आरा मिल को बचाने की कोशिश
सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले में उसी एक आरा मिल का नाम सामने आ रहा है जहां हाल ही में ऐसी ही लकड़ी पकड़ी गई थी और मामले को रफा दफा कर दिया गया था। इस बार भी रेंज के अधिकारी इसी कोशिश में लगे हुए नजर आ रहे हैं। तभी तो पीओआर होने के बाद भी वे इसकी डिटेल बताने में असमर्थ है।
वर्षन
करीब 15 दिन पहले लकड़ी से लोड वाहन को वन विभाग के सुपुर्द किया गया था।आगे क्या कार्यवाही हुआ है वो ही जानकारी देंगे।
उत्तम साहू चौकी प्रभारी जूटमिल
दोनों मामले में पीओआर किया गया है।जांच जारी है।चिरान किसान का है।बयान लिया जा रहा है।
छोटेलाल डनसेना रेंजर रायगढ वनमंडल