नई दिल्ली
कांग्रेस के नेतृत्व चल रहे विपक्ष ने मंगलवार को संसदीय सम्मेलन के इतर जाते हुए, लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए के. सुरेश के नाम को आगे कर दिया है। कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल और डीएमके के नेता टी आर बालू इस घोषणा को करने से पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से मिले, लेकिन उस मीटिंग में कुछ ऐसा हुआ की बात बन नहीं पाई। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन के अनुसार दोनों नेताओं ने एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला को समर्थन देने से पहले ही राजनाथ सिंह के सामने अपनी शर्त रखते हुए कहा कि यदि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलता है तो ही वह एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि अभी इस पद के लिए चयन प्रक्रिया के लिए बात करते हैं उसके बाद जब उस पद की बात होगी तब हम फिर से बैठकर बात कर लेंगे। इस बात पर दोनों ही नेताओं में आम सहमति नहीं बनीं।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केसी वेणुगोपाल और टी आर बालू अपनी शर्तों को थोपना चाहते थे। सुबह राजनाथ सिंह अपनी बात मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ करना चाहते थे, लेकिन वह अपने कार्यक्रमों में व्यस्त थे तो उन्होंने केसी वेणुगोपाल से बात करने के लिए कहा। लेकिन बाद में केसी वेणुगोपाल से बात करने के बाद कांग्रेस की वहीं पुरानी मानसिकता की हमारी जो शर्तें हैं वह तो माननी ही पड़ेगी वाली मानसिकता सामने आ गई। उनकी शर्त थी कि पहले यह तय हो कि डिप्टी स्पीकर कौन होगा, उसके बाद स्पीकर के पद के लिए समर्थन देंगे।
गोयल ने कहा कि सालों से एक अच्छी परंपरा चली आ रही थी स्पीकर को सभी मिलकर चुनते हैं। स्पीकर किसी पार्टी का नहीं होता, वह पूरे सदन का होता है। ठीक उसी तरह डिप्टी स्पीकर भी किसी पार्टी या पक्ष का नहीं होता। किसी खास पार्टी का कोई खास व्यक्ति ही डिप्टी स्पीकर बनेगा यह सदन की किसी भी परंपरा का हिस्सा नहीं है। इंडिया ब्लॉक की तरफ से उम्मीदवार के सुरेश ने कहा कि हमनें 11:50 तक इंतजार किया। डेडलाइन के दस मिनट पहले तक लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। मैंने अपना नॉमिनेशन फाइल कर दिया यह पार्टी का निर्णय है न कि मेरा।