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भाजपा सांसद कंगना की नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन में मुख्यमंत्री के सुइट में रहने की कथित मांग से जुबानी जंग छिड़ी

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मुंबई
बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन में मुख्यमंत्री के सुइट में रहने की कथित मांग से मंगलवार को सत्तारूढ़ महायुति व विपक्षी महा विकास अघाड़ी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। हिमाचल प्रदेश के अपने गृह नगर मंडी से लोकसभा सांसद 38 वर्षीय कंगना रनौत ने कथित तौर पर राष्ट्रीय राजधानी में महाराष्ट्र सदन में सीएम के आलीशान सुइट में रहने की इच्छा जताई है।

संसद के नए सत्र की शुरुआत पर सोमवार को कंगना रनौत ने महाराष्ट्र सदन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने लगभग सभी कमरों को देखा। उन्हें सीएम का सुसज्जित, विशाल सुइट पसंद आया। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने सीएम के सुइट की मांग करने के लिए कंगना की आलोचना करते हुए इसे बेतुका बताया और आश्चर्य जताया कि “वह महाराष्ट्र भवन पर नज़र रखने के बजाय राष्ट्रपति भवन में क्यों नहीं रह सकतीं।”

कांग्रेस की पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने थोड़ी नरमी दिखाते हुए कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत एक नव-निर्वाचित सांसद हैं, उन्हें ऐसे मामलों में प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी नहीं हो सकती है, इसलिए उन्होंने यह मांग की होगी। एनसीपी (एसपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि लगभग तीन साल पहले तत्कालीन एमवीए के सीएम उद्धव ठाकरे के साथ हुए टकराव पर कंगना रनौत ने मुंबई और महाराष्ट्र की तुलना पाकिस्तान से की थी। अब, वह अचानक दावा करती हैं कि महाराष्ट्र उनके दूसरे घर जैसा हैै, तो उन्होंने अपनी ‘जन्मभूमि’ के बजाय अपनी ‘कर्मभूमि’ से लोकसभा चुनाव क्यों नहीं लड़ा?”

भाजपा विधायक नितेश एन राणे ने एमवीए नेताओं पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि बदनाम पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे कितने दिनों तक उद्धव ठाकरे के आवास पर थे। राणे ने एसएस (यूबीटी) नेता राउत पर उनकी टिप्पणियों के लिए भी हमला किया और कहा कि कंगना रनौत एक निर्वाचित सांसद हैं, जबकि राउत राज्यसभा के माध्यम से पिछले दरवाजे से संसद में प्रवेश किए हैं।

इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि चूंकि कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश से निर्वाचित सांसद हैं, इसलिए उन्हें महाराष्ट्र सदन के बजाय हिमाचल भवन के अधिकारियों के समक्ष ऐसे मुद्दे उठाने चाहिए थे। उन्होंने उनकी मांग को खारिज कर दिया है।

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