रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वर्ष 2022-23 का बजट बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत किया गया। भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह के वर्ष में प्रस्तुत यह बजट मुख्य रूप से ग्राम केन्द्रित नयी अर्थव्यवस्था आधारित छत्तीसगढ़ मॉडल में समाहित उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में मजबूत कदम है। बीते तीन वर्षों के दौरान सरकार द्वारा आजादी के मूल्यों एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये गये हैं। यह बजट महात्मा गांधी के समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के मूल मंत्र को साकार करने का सुदृढ़ प्रयास है।
राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में 6 हजार वार्षिक सहायता राशि को आगामी वर्ष से बढ़ाकर 7 हजार प्रतिवर्ष कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों की परीक्षा फीस माफ की जाएगी।
राज्य के शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग का सम्मान करते हुए एन.पी.एस योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दिया गया है। विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ करने का निर्णय लिया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों की विकास राशि में भी बढ़ोत्तरी की गई है।
बजट राज्य के किसानों, भूमिहीन कृषि मजदूरों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो की समृद्धि, गांवों की आर्थिक प्रगति, शिक्षा में गुणवत्ता एवं प्रगति के नवीन आयाम, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण, महिलाओं एवं बच्चों के सवार्गींण विकास, युवाओं को रोजगार एवं उद्यमिता के नवीन अवसरों के सृजन, शासकीय सेवकों के भविष्य को सुरक्षित करने, ग्रामीण एवं शहरी अधोसंरचना को तेजी से विकसित करने तथा जनता के लिए संवेदनशील प्रशासन की भावना के साथ प्रदेश के लोगों को समर्पित है।
बजट एक नजर में
कुल आय बजट अनुमान 2021-22 97145, बजट अनुमान 2022-23 1,04,000, कुल व्यय बजट अनुमान 2021-22 97,106, बजट अनुमान 2022-23 1,04,000, राजस्व व्यय बजट अनुमान 2021-22 83028, बजट अनुमान 2022-23 88372, पूंजीगत व्यय बजट अनुमान 2021-22 13839, बजट अनुमान 2022-23 15241, राजस्व आधिक्य (+) – घाटा (-) बजट अनुमान 2021-22 -3702, बजट अनुमान 2022-23 702, सकल वित्तीय घाटा बजट अनुमान 2021-22 17461, बजट अनुमान 2022-23 14600
आर्थिक स्थिति
स्थिर दर पर वर्ष 2020-21 की तुलना में चालू वर्ष 2021-22 के राज्य के सकल घरेलू उत्पाद मेंं 11.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। राष्ट्रीय स्तर पर 9.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में यह अधिक है। वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत वृद्धि, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत वृद्धि और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित। कृषि एवं सेवा क्षेत्र में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर, राष्ट्रीय स्तर के समतुल्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से 3.64 प्रतिशत अधिक है। प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2020-21 में 3 लाख 52 हजार 161 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 4 लाख 61 करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.60 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 1,05,778 की तुलना में वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 1,18,401 रुपए, जो कि गत वर्ष की तुलना में 11.90 प्रतिशत अधिक है।
बजट के मुख्य आकर्षण
बस्तर संभाग में गैर-वन मद अंतर्गत वगीर्कृत नारंगी क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि संयुक्त सर्वेक्षण उपरांत राजस्व मद में वापसी। नये उद्योगों की स्थापना, शासकीय भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य गतिविधियों के लिये सरलता से भूमि की उपलब्धता।
राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में 6 हजार वार्षिक सहायता राशि को आगामी वर्ष से बढ़ाकर 7 हजार प्रतिवर्ष।
अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के देवस्थलों पर पूजा करने वाले मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी इत्यादि, जिनमें हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया भी शामिल हैं, को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ।
गोठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित कर स्थानीय खाद्य उत्पाद एवं लघु वनोपज उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन के लिये प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना। बांस एवं काष्ठ शिल्प, मेटल शिल्प तथा अन्य हस्त शिल्प से संबंधित लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिये स्थानीय युवाओं को सहयोग।
औद्योगिक पार्कों में तैयार उत्पादों का चयन हितधारकों के कौशल, उपलब्ध कच्चा माल, उपभोक्ताओं में मांग तथा परिवहन एवं आवागमन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा। औद्योगिक पार्कों में उन्नत अधोसंरचना तथा बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने 600 करोड़ का प्रावधान।
गोधन न्याय मिशन, टी-कॉफी बोर्ड का गठन, मछली पालन एवं लाख उत्पादन को कृषि के समकक्ष दर्जा, मिलेट मिशन एवं वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से रोजगार के नये अवसरों का सृजन। छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा विभिन्न स्थानीय उत्पादों की ब्रान्डिंग और विपणन छत्तीसगढ़ हर्बल्स के नाम से।
नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कौशल विकास कार्यक्रम का विभिन्न नवाचारी योजनाओं के साथ समन्वय एवं राज्य स्थित विशिष्ट शिक्षण संस्थाओं की विशेषज्ञता का लाभ लेते हुए नये रोजगार सृजन की संभावनाओं पर कार्य हेतु छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के लिए 2 करोड़ का प्रावधान।
छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों की परीक्षा फीस माफ की जाएगी।
राज्य के शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग का सम्मान करते हुए एन.पी.एस योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल।
कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था
खरीफ वर्ष 2017 में 12 लाख किसानों से उपार्जित 57 लाख मीट्रिक टन धान की तुलना में खरीफ वर्ष 2021 में 21 लाख 77 हजार किसानों से 98 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जित।
धान सहित समस्त खरीफ फसलों, लघु धान्य फसलों, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 20 लाख से अधिक किसानों को गत 2 वर्षों में 10 हजार 152 करोड़ की सहायता। योजना में 6 हजार करोड़ का प्रावधान।
गन्ना की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 271 रुपए के स्थान पर 355 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 12 लाख मीट्रिक टन गन्ना खरीदी हेतु 112 करोड़ का प्रावधान।
बस्तर एवं सरगुजा संभाग के चयनित 14 जिलों के 25 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा, कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा कृषि उत्पाद के मूल्य संवर्धन से अतिरिक्त आय सृजन हेतु चिराग परियोजना हेतु 200 करोड़ का प्रावधान।
किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कृषक समग्र विकास योजना में 123 करोड़ का प्रावधान।
फसल बीमा योजना में 575 करोड़, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में 323 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर स्थापित करने के लिये 60 करोड़ एवं कृषि यंत्रों के वितरण एवं प्रचार प्रसार हेतु 87 करोड़ का प्रावधान।।
कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों के समुचित भंडारण हेतु दुर्ग जिले में इन्टीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना के लिये 24 करोड़ का प्रावधान।
खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेषों की जाँच हेतु एन.ए.बी.एल. से मान्यता प्राप्त फाइटो-सेनेटरी प्रयोगशाला की स्थापना के लिये 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान।
गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 63 लाख 89 क्विंटल गोबर का क्रय किया जाकर पशुपालकों को 127 करोड़ 79 लाख रुपये का भुगतान।
ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन एवं विपणन हेतु महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के अंतर्गत कुल 750 गौठानों में 21 तेल मिल, 28 दाल मिल, 40 आटा मिल, 680 मिनी राइस मिल प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना।
सिंचाई सुविधाओं का विकास
गत 3 वर्ष में वास्तविक सिंचित क्षेत्रफल 10 लाख 90 हेक्टेयर से बढ़कर 13 लाख 58 हेक्टेयर।
कुल 3 हजार 323 करोड़ के बजट प्रावधान में 1 हजार 705 नवीन कार्यों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान। इससे 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित होगी। नवीन मद अंतर्गत 249 वृहद् कार्य, 53 मध्यम कार्य तथा 835 लघु सिंचाई कार्य तथा 404 एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण कार्य शामिल।
केलो परियोजना हेतु 90 करोड़, अरपा भैसाझार परियोजना के लिए 45 करोड़ तथा समोदा परियोजना के लिए 14 करोड़ का प्रावधान।
नाबार्ड की सहायता से सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण कार्य हेतु 690 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 931 करोड़, एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण के लिए 260 करोड़ तथा तटबंध निर्माण कार्यो हेतु 125 करोड़ का प्रावधान।
बजट में 10 वृहद्, 15 मध्यम तथा 3 लघु सिंचाई योजनाओं के सर्वेक्षण हेतु 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान। 06 मेगा उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण शामिल।
वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के संधारण हेतु 100 करोड़ का प्रावधान।
पांच एच.पी. कृषि पम्पों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय के लिये 2 हजार 600 करोड़ का प्रावधान। योजना से 4 लाख 80 हजार कृषकों को कृषि पम्पों के संचालन हेतु रियायती दर पर बिजली की सुविधा।
सौर सुजला योजना अंतर्गत 3 एवं 5 एच.पी. क्षमता के 15,000 सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना हेतु 416 करोड़ 90 लाख का प्रावधान।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना अंतर्गत 10 हजार सोलर पम्पों की स्थापना हेतु राज्यांश मद में 100 करोड़ का प्रावधान।
ग्रामीण विकास गतिविधियां
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत 7 जिलों के 43 संकुल संगठनों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हुए कैशलेश इकॉनॉमी बनाने का प्रयास। उत्थान परियोजना अंतर्गत 9 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति की चिन्हांकित 172 महिलाओं को सी.आर.पी के रूप में प्रशिक्षित करके कुल 9 हजार 820 परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा।
मिलाप परियोजना अंतर्गत राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिले में 17 हजार 315 प्रवासी श्रमिकों का चिन्हांकन कर उनके समग्र विकास हेतु कार्य प्रारंभ। ग्रामीण आजीविका मिशन के लिये 450 करोड़ प्रावधान।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत 8 लाख 22 हजार 832 आवास पूर्ण हो चुके हैं। योजना के लिये 800 करोड़ का प्रावधान।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत 3 हजार 82 ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य तथा 275 ग्राम पंचायतों में बायोगैस संयंत्र की स्थापना का कार्य पूर्ण। योजना के लिये 500 करोड़ का प्रावधान।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 900 कि.मी. सड़क एवं 24 वृहद् पुलों के निर्माण का भौतिक लक्ष्य है। नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, सुकमा एवं दन्तेवाड़ा में 47 स्टील ब्रिज निर्माण। योजना में 1 हजार 675 करोड़ का प्रावधान।
मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़, ग्राम पंचायत को मूलभूत कार्य हेतु अनुदान योजना में 260 करोड़ तथा पन्द्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को अनुदान मद में 1 हजार 114 करोड़ का प्रावधान।
रेशम एवं अन्य शिल्प गतिविधियां
बस्तर संभाग में उपलब्ध रैली ककून का संग्रहण कर राज्य में ही धागा उत्पादन एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरूआत।
रैली ककून क्रय करने हेतु ग्राम नानगूर विकासखण्ड जगदलपुर में ककून बैंक की स्थापना। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिये वितरण, प्रशिक्षण एवं मशीन उपकरण की सहायता।
पोस्ट यार्न गतिविधियों के लिये सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना हेतु 4 करोड़ 53 लाख का प्रावधान। मिशन के माध्यम से 200 स्व-सहायता समूहों की लगभग 4 हजार महिलाओं को प्रतिमाह 6 से 7 हजार तक की अतिरिक्त आय होगी।
कुम्भकार परिवारों की कार्यकुशलता एवं गुणवत्ता में वृद्धि के लिये विद्युत चाक का वितरण हेतु 2 करोड़ का प्रावधान।
पेयजल सुविधाएँ
48 लाख 60 हजार परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु जल जीवन मिशन में 1 हजार करोड़ का प्रावधान।
नगरीय निकायों में जल प्रदाय हेतु 30 करोड़ अनुदान तथा 55 करोड़ ऋण का प्रावधान।
गौठानों में 860 नग नलकूप खनन हेतु 10 करोड़ का प्रावधान।
नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में रविशंकर जलाशय से टीला एनीकट तक पाइप लाइन बिछाने (अनुमानित लागत 106 करोड़) हेतु 2 करोड़ का प्रावधान।
शैक्षणिक सुविधाएँ
171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालयों में 1 लाख 35 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। आगामी वर्ष से हिन्दी माध्यम के भी स्वामी आत्मानंद विद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय।
11 पूर्व माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल एवं 12 हाईस्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में उन्नयन।
भवन विहीन 40 हाईस्कूलों एवं 17 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के नवीन भवन निर्माण के लिये 50 करोड़ का प्रावधान।
रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय कुतुल, कच्चापाल, ईरकभ_ी, कुंदला एवं आकाबेड़ा में कर्मचारी आवास एवं अहाता निर्माण हेतु 6 करोड़ 95 लाख का प्रावधान।
अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के छात्रावास-आश्रमों हेतु 106 भवनों का निर्माण के लिए 50 करोड़ का प्रावधान।
बस्तर जिला जगदलपुर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना।
16 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोले जायेंगे।
भवन विहीन 18 शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण तथा 22 महाविद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापन कक्षों का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर जिला सरगुजा में आॅडिटोरियम का निर्माण।
शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिये 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान।
28 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संबद्ध हायर सेकेण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए नवीन ट्रेड प्रारंभ करने हेतु सेट-अप एवं 10 करोड़ 96 लाख का प्रावधान।
महिला एवं बाल विकास
एकीकृत बाल विकास सेवा, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार, नवा जतन एवं मुख्यमंत्री पोषण अभियान से तीन वर्षों में कुपोषण में 8.7 प्रतिशत की कमी।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 से कम है।
वर्ष 2019 में 4 लाख 33 हजार कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित करके मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ। अब तक 1 लाख 72 हजार बच्चे कुपोषण के कुचक्र से बाहर।
छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को वितरित पुराना बकाया 12 करोड़ 77 लाख का ऋण माफ। प्रथम ऋण को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख से 2 लाख तक। प्रथम ऋण को सफलतापूर्वक वापस करने पर दोबारा 2 लाख से 4 लाख तक का ऋण दिये जाने की सुविधा।
छत्तीसगढ़ महिला कोष के लिये वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2022-23 में 30 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 5 करोड़ 20 लाख का प्रावधान।
स्वास्थ्य सुविधाएँ
गत 2 वर्षों के दौरान 1 हजार 329 चिकित्सा अधिकारी, 282 बहुउद्देशीय पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं 328 बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 278 लैब टेक्नीशियन तथा 192 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति।
नेशनल क्वालिटी एश्योरेंश कार्यक्रम के तहत राज्य के तीन जिला अस्पताल, 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित कुल 27 अस्पतालों को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदाय।
जगरगुंडा जिला सुकमा में 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अहिवारा जिला दुर्ग में 10 बिस्तर एन.आर.सी. की स्थापना हेतु 45 नवीन पदों का सृजन एवं खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल के भवन निर्माण हेतु प्रावधान।
चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर एवं कांकेर में चिकित्सकीय उपकरण क्रय हेतु 37 करोड़ तथा चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में कार्डियोवेस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग में 150 पदों के सृजन हेतु प्रावधान।
चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में स्नातक छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास निर्माण हेतु तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी आवास सुविधा हेतु 10 करोड़ 50 लाख का प्रावधान।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन हेतु 126 करोड़ एवं पन्द्रहवें वित्त आयोग अंतर्गत 454 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वानिकी गतिविधियां
कैम्पा मद की वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में 1 हजार 950 नालों को उपचारित करने के लिये 300 करोड़ का प्रस्ताव।
छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा वर्तमान में 65 वनोपज का क्रय। संघ द्वारा 2018 में 3 करोड़ 81 लाख के वनोपज का क्रय, जबकि 2020-21 में 153 करोड़ का क्रय। भारत सरकार द्वारा लघु वनोपज संग्रहण हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत 4 पुरस्कार, प्रसंस्करण हेतु वन धन योजना अंतर्गत 4 पुरस्कार तथा नवोत्पाद एवं नवाचार हेतु 3 पुरस्कार राज्य को प्रदाय।
छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ के द्वारा कोदो-कुटकी 3 हजार रुपए एवं रागी 3 हजार 377 रुपए प्रति क्विंटल की दर से क्रय। फसलों के उत्पादक किसानों को 9 हजार के स्थान पर 10 हजार प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि प्रदाय।
30 संजीवनी केन्द्रों के माध्यम से विविध उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड के नाम से विक्रय।
स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय हेतु प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना के लिये 5 करोड़ का प्रावधान।
नगरीय सुविधाएँ
उचित मूल्य पर जेनेरिक दवाईयां एवं सर्जिकल सामान उपलब्ध कराने के लिये 136 धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स की स्थापना। अब तक 17 करोड़ 92 लाख बाजार मूल्य की दवाईयों पर 10 करोड़ रुपए की छूट से 5 लाख 92 हजार नागरिक लाभान्वित।
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस एवं दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन। इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका एवं नगरपंचायतों में लागू करने के लिये 50 करोड़ का प्रावधान।
शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु मोर जमीन मोर मकान तथा मोर मकान मोर चिन्हारी योजनाओं में 450 करोड़ प्रावधान।
नगरीय निकायों की सम्पत्ति के आॅफसेट मूल्य को कलेक्टर गाईडलाईन में निर्धारित दर से 30 प्रतिशत कम करते हुए गणना की जायेगी।
मिशन अमृत 2.0 के तहत शहरों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल तथा समस्त घरों में नल कनेक्शन प्रदाय करने के लिये 200 करोड़ एवं नगरीय निकायों को जल आवर्धन योजना में 380 करोड़ का प्रावधान।
कोरबा, दन्तेवाड़ा, सक्ती, शिवरीनारायण एवं चन्द्रपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना हेतु 20 करोड़ का प्रावधान।
खेल एवं युवा कल्याण गतिविधियां
युवाशक्ति को संगठित कर प्रदेश के विकास में सहभागिता बढ़ाने हेतु राजीव युवा मितान क्लब का गठन। ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 एवं नगरीय क्षेत्रों में 1 हजार 605 राजीव युवा मितान क्लब का गठन हेतु 75 करोड़ का प्रावधान।
नारायणपुर जिले में आदिवासी विद्यार्थियों मल्लखंभ कौशल को निखारने हेतु मल्लखंभ अकादमी की स्थापना हेतु 2 करोड़ 83 लाख का प्रावधान।
लाभांडी जिला रायपुर में निमार्णाधीन टेनिस अकादमी के सेट-अप एवं फर्नीचर उपकरण के लिये 1 करोड़ 70 लाख का प्रावधान।
जनप्रतिनिधियों के माध्यम से स्थानीय विकास गतिविधियां
विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ करने का निर्णय । विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना में 364 करोड़ रुपए का प्रावधान।
जिला पंचायत अध्यक्ष हेतु 15 लाख, उपाध्यक्ष हेतु 10 लाख एवं प्रत्येक सदस्य हेतु 4 लाख प्रतिवर्ष के मान से जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ का प्रावधान।
जनपद पंचायत अध्यक्ष हेतु 5 लाख, उपाध्यक्ष हेतु 3 लाख एवं प्रत्येक सदस्य हेतु 2 लाख प्रतिवर्ष के मान से जनपद पंचायत विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान।
जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार प्रतिमाह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार प्रतिमाह एवं जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह।
सरपंच का भत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार एवं पंच का भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिमाह के लिये 184 करोड़ का प्रावधान।
अधिसूचित जिलों/क्षेत्रों के अन्तर्गत पंचायतों द्वारा रेत खदानों का संचालन कराने का निर्णय। सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत की बिना सहमति के कोई भी खदान संचालित नहीं होगी।
नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के 237 ग्रामों का राजस्व सर्वे नहीं होने के कारण यहां के किसान विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित थे। 9 गांवों का सर्वे पूरा करके 676 किसानों को अस्थायी भू-अभिलेख प्रदाय।
राजस्व एवं पुलिस प्रशासन
6 नवीन तहसील देवकर एवं भिंभौरी जिला बेमेतरा, जरहागांव जिला मुंगेली, दीपका एवं भैंसमा जिला कोरबा, कोटाडोल जिला कोरिया के लिये 84 पदों का सेट-अप स्वीकृत।
11 नवीन अनुविभाग कार्यालयों की स्थापना मालखरौदा जिला जांजगीर-चाम्पा, बलरामपुर एवं राजपुर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज, धमध जिला दुर्ग, भोपालपट्टनम एवं भैरमगढ़ जिला बीजापुर, बागबहरा जिला महासमुंद, भरतपुर एवं खडगवां-चिरमिरी जिला कोरिया, तिल्दा-नेवरा जिला रायपुर तथा सहसपुर-लोहारा जिला कबीरधाम हेतुे 77 पदों का सेट-अप स्वीकृत।
ब्लॉक मुख्यालय में शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवास भवनों के निर्माण हेतु 58 करोड़ का प्रावधान।
चिटफंड कंपनियों से पीड़ित निवेशकों को राहत देते हुए 16 अनियमित वित्तीय कंपनियों से 16 करोड़ 96 लाख की सम्पत्ति की नीलामी/वसूली/राजीनामा। 17 हजार 404 निवेशकों को 11 करोड़ 23 लाख की राशि वापस।
मानव तस्करी की रोकथाम हेतु राज्य स्तर पर एन्टी ह्यूूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो, सतर्कता सेल एवं शिकायत सेल के गठन हेतु 23 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान।
हाईटेक अपराधों की जांच हेतु रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर में एण्टी क्राइम एण्ड साइबर यूनिट का गठन।
बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों तथा पदोन्नति का लाभ देने के लिये डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स से नवीन कैडर का गठन।
नव गठित जिलों (मानपुर-मोहला-चौकी, सक्ती, सारंगढ-बिलाई गढ़ एवं मनेन्द्रगढ़) की स्थापना हेतु 1 हजार 100 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान।
जिला बिलासपुर एवं जगदलपुर में एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था हेतु 114 नवीन पदो ंके सृजन का प्रावधान।
03 नवीन पुलिस चौकी क्रमश: भैंसा जिला रायपुर, घटारानी जतमई जिला गरियाबंद, राहूद जिला जांजगीर की स्थापना हेतु 99 पदों के सृजन का प्रावधान।
05 पुलिस चौकी क्रमश: मारो जिला बेमेतरा, जेवरा-सिरसा जिला दुर्ग, नैला जिला जांजगीर चाम्पा, खरसिया जिला रायगढ़ एवं वाड्रफनगर जिला बलरामपुर का थाने में उन्नयन हेतु 226 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान।
300 नग बुलेट प्रूफ जैकेट क्रय हेतु तीन करोड, वाटर कूलर क्रय हेतु 1 करोड़ 58 लाख तथा समस्त थानों में सीसीटीव्ही कैमरा सह उपकरण हेतु 25 करोड़ का प्रावधान।
शहीदों के सम्मान हेतु रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक की स्थापना, पुलिस मेमोरियल टॉवर व व अन्य निर्माण कार्यों के लियें 1 करोड़ का प्रावधान।
पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए सेक्टर 29 में निर्मित 320 आवास गृहों को क्रय करने हेतु 65 करोड़ का प्रावधान।
9 जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बंदी बैरक निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्यों हेतु 16 करोड़ 96 लाख का प्रावधान।
भवन व सड़कों का निर्माण एवं संधारण
लोक निर्माण विभाग के बजट में कुल 6 हजार 638 करोड़ का प्रावधान। वर्तमान में 16 हजार करोड़ से भी अधिक लागत के सड़क एवं पुल निमार्णाधीन।
राज्य मार्गो के निर्माण हेतु 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के निर्माण हेतु 458 करोड़, ग्रामीण मार्गो के निर्माण हेतु 810 करोड़, वृहद एवं मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 315 करोड़ तथा रेल्वे ओवरब्रिज निर्माण हेतु 90 करोड़ का प्रावधान।
कुल 659 नवीन निर्माण कार्य प्रस्तावित। इसमें 502 सड़क कार्य हेतु 365 करोड़, 134 वृहद् एवं मध्यम पुल कार्य हेतु 103 करोड़, 8 नवीन शासकीय विश्रामगृह के निर्माण हेतु 3 करोड़, 15 रेलवे ओवरब्रिज कार्य के सर्वेक्षण हेतु 8 करोड़ 65 लाख का प्रावधान।
मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना हेतु 150 करोड़ का प्रावधान।
एडीबी सहायित सड़क विकास परियोजना के लिए 884 करोड़ का प्रावधान।
नाबार्ड सहायित ग्रामीण मार्गो/मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 236 करोड़ का प्रावधान।
वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित एवं 2022-23 का बजट अनुमान
वर्ष 2021-22 में कुल प्राप्ति के बजट अनुमान 97 हजार 145 करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 99 हजार 601 करोड़ है। बजट अनुमान की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान में 2.52 प्रतिशत की वृद्धि।
शुद्ध व्यय का बजट अनुमान 97 हजार 106 करोड़ से बढ़ा कर पुनरीक्षित अनुमान में 99 हजार 559 करोड़ प्रस्तावित।
वर्ष 2022-23 में कुल प्राप्ति का बजट अनुमान 1 लाख 04 हजार करोड़, जो गत वर्ष की अनुमानित बजट प्राप्तियों से 7 प्रतिशत अधिक। कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 44 हजार 500 करोड़, केन्द्र से प्राप्तियां 44 हजार 573 करोड़ एवं पूंजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ अनुमानित।
वर्ष 2022-23 के लिए विनियोग का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुनर्प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 1 लाख 04 हजार करोड़ अनुमानित। राजस्व व्यय 88 हजार 372 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ है। पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.6 प्रतिशत।
अनुसूचित जनजाति उपयोजना मद मे 33 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति उपयोजना मद में 12 प्रतिशत का प्रावधान।
सामाजिक क्षेत्र के लिये 37 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिये 23 प्रतिशत का प्रावधान।
राजकोषीय स्थिति
राजस्व संग्रहण विभागों में प्रचलित कराधान अधिनियम/नियम, कर दरों, आंकड़ों के विश्लेषण/समीक्षा द्वारा राजस्व में वृद्धि हेतु करावर्धन प्रकोष्ठ का गठन।
पंजीयन विभाग द्वारा अभिलेखों के पंजीयन शुल्क पर रोजगार एवं युवा विकास उपकर अधिरोपित, जिससे 100 करोड़ की अतिरिक्त आय।
मार्च 2021 की स्थिति में राज्य का ऋणभार कुल बजट की तुलना में 80 प्रतिशत तथा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में ऋणभार 22 प्रतिशत, जो कि भारत सरकार एवं अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है।
राज्य का सकल वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत है।
वर्ष 2022-23 में कुल 702 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित है।
कर प्रस्ताव
वर्ष 2022-23 के लिये कोई कर प्रस्ताव नहीं है।