वॉशिंगटन
दुनिया में बीते कई महीनों से दो युद्ध जारी हैं। एक तरफ इजरायल और हमास के बीच बीते साल अक्टूबर से संघर्ष चल रहा है तो वही फरवरी 2022 से ही रूस और यूक्रेन मैदान-ए-जंग में खड़े हैं। इस बीच अमेरिका ने चीन को उकसाने वाला बड़ा कदम उठा लिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने ताइवान को 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर के नए हथियार बेचने को मंजूरी दी है। इसके साथ वह ताइवान को सैकड़ों सशस्त्र ड्रोन, मिसाइल उपकरण और संबंधित साजो सामान बेचेगा। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
की गई यह घोषणा अप्रत्याशित नहीं है, लेकिन ताइवान को हथियार बेचे जाने को मंजूरी देने की बात ऐसे वक्त में कही गई है जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव चरम पर है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसका कहना है कि ताइवान पर नियंत्रण के लिए यदि बल प्रयोग करना पड़ा तो भी वह इससे पीछे नहीं हटेगा। ऐसे में ताइवान को हथियारों से लैस करने का अमेरिकी फैसला युद्ध के उन्माद को बढ़ा सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने जिन हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी है, उनमें 291 अल्टियस-600एम प्रणाली शामिल हैं। इन हथियारों में 720 स्विचब्लेड ड्रोन भी शामिल हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस मंजूरी की जानकारी देते हुए कहा कि इससे ताइवान खुद की सेना को मजबूत करेगा। इससे उसकी सुरक्षा पुख्ता होगी और वह अमेरिकी हितों की भी पूर्ति कर सकेगा। बयान के अनुसार इससे ताइवान की सुरक्षा को बेहतर बनाने और क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, सैन्य संतुलन और आर्थिक प्रगति को बनाए रखने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने चीन से आने वाले कई उत्पादों के आयात शुल्क में बड़ा इजाफा कर दिया था। इसे अमेरिका की ओर से चीन के खिलाफ ट्रेड स्ट्राइक के तौर पर देखा गया था। इस पर चीन ने कहा था कि हम भी इसके जवाब में जरूरी कदम उठाएंगे।