रायपुर-मुंगेली/ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में करोड़ों के हुए भ्रष्टाचार पर जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अधिकारियों की चुप्पी समझ से बाहर हैं ऐसे में उनपर मिलीभगत के आरोप लगने लगे हैं, क्योंकि जिला पंचायत और जनपद पंचायत CEO ने जिस प्रकार से नियम कानून को कूड़ेदान में डालते हुए उनकी धज्जियाँ उड़ाई जा रही उससे तो यही लगता हैं कि जनपद पंचायत मुंगेली में हुए करोड़ों के फाईल स्कैम में उनकी भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर लोगों को लगा था कि अब यहां भ्रष्टाचार में कमी आएगी, पर ऐसा नहीं हो रहा, क्योंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार बढ़ गई हैं, ऐसा लगता हैं मानों कांग्रेस शासन के समय हुए भ्रष्टाचार को छिपाने अधिकारियों का विशेष रणनीति, प्लान चल रहा हो ?
मुंगेली जनपद पंचायत के एक भ्रष्ट कर्मचारी को बचाने पूरा जिला पंचायत, जनपद पंचायत, कुछ अधिकारी और कई बड़े नेता दिनरात एक कर दिए हैं। इसी कारण कलेक्टर कार्यालय, जिला पंचायत और जनपद पंचायत द्वारा इस बड़े स्कैम की फाईलें छिपाई जा रही हैं, जिसमें करोड़ों के भ्रष्टाचार की आशंका हैं।
जब इसकी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत जनपद पंचायत, जिला पंचायत और कलेक्टर कार्यालय मुंगेली से मांगी गई तो जानकारी नहीं दिया गया, प्रथम अपील में जानकारी देने आदेश होने के बाद भी जनपद पंचायत सीईओ ने जानकारी नहीं दी। हाल ही में कलेक्टर कार्यालय से ही एक आदेश जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ के लिए निकाला गया था उसके बाद भी जिला पंचायत और जनपद पंचायत द्वारा जानकारी नहीं दी गई, जिससे स्पष्ट होता हैं कि किस प्रकार भ्रष्टाचार में इनके भी हाथ रंगे हैं ? फिलहाल इसकी अपील और शिकायत राज्य सूचना आयोग से हो गई हैं। मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गई हैं, अब इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय करने की जानकारी मिली हैं।