नई दिल्ली
सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) के प्रमुख पद के लिए कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिला है। पीईएसबी ने हाल में एचपीसीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पद के लिए साक्षात्कार लिया था, लेकिन उसे सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी के प्रमुख के पद के लिए इनमें से कोई उम्मीदवार उपयुक्त नहीं लगा। तीन साल में यह तीसरा मौका है जबकि जब बोर्ड को किसी सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी के प्रमुख के पद के लिए कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिला है। पीईएसबी सार्वजनिक उपक्रमों में शीर्ष पदों के लिए उपयुक्त उम्मीदवार की खोज करता है।
पीईएसबी ने 14 जून को इस पद के लिए कुल आठ उम्मीवारों का साक्षात्कार लिया था। जिन लोगों का साक्षात्कार लिया गया उनमें एचपीसीएल निदेशक मंडल के एक सदस्य के अलावा इंद्रप्रस्थ गैस लि. (आईजीएल) के प्रबंध निदेशक भी शामिल थे। लेकिन पीईएसबी को इनमें से कोई उम्मीदवार इस पद के उपयुक्त नहीं लगा। पीईएसबी पैनल ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘बोर्ड ने एचपीसीएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के पद के लिए किसी भी उम्मीदवार की सिफारिश नहीं की और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को खोज-सह-चयन समिति (एससीएससी) सहित चयन के लिए आगे की कार्रवाई का उचित तरीका चुनने की सलाह दी।’’ एचपीसीएल के प्रमुख का पद एक सितंबर, 2024 को खाली हो जाएगा। उस समय कंपनी के मौजूदा चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पुष्प कुमार जोशी 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
पीईएसबी को इससे पहले इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) में शीर्ष पद के लिए कोई उपयुक्त व्यक्ति नहीं मिला था। इसके चलते आईओसी के प्रमुख का कार्यकाल सेवानिवृत्ति की उम्र पूरी होने के बाद एक साल बढ़ाया गया। वहीं ओएनजीसी का प्रभार एक सेवानिवृत्त कार्यकारी को सौंपा गया।
पीईएसबी ने तीन जून, 2021 को भारत की सबसे बड़े तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी के प्रमुख के पद के लिए दो सेवारत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों सहित नौ उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया। लेकिन इसमें न तो वरिष्ठ नौकरशाह अविनाश जोशी और नीरज वर्मा और न ही मेंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) में निदेशक-वित्त पोमिला जसपाल और ओएनजीसी के प्रौद्योगिकी और फील्ड सेवाओं के निदेशक ओम प्रकाश सिंह को इस पद के उपयुक्त पाया गया।
इसके बाद मंत्रालय ने एक खोज-सह-चयन पैनल का गठन किया और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) से 60 वर्ष की उम्र के बाद सेवानिवृत्त हुए अरुण सिंह को ओएनजीसी का प्रमुख नियुक्त किया गया। उन्हें तीन साल का कार्यकाल दिया गया था, जो दिसंबर, 2025 में समाप्त होगा।
आईओसी के मामले में पीईएसबी ने श्रीकांत माधव वैद्य का स्थान लेने के लिए किसी के नाम की सिफारिश नहीं की। वैद्य को 2023 में सेवानिवृत्त होना था। पीईएसबी ने इस पद के लिए कुल 10 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया था। कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलने के बाद एक ‘अनूठा’ कदम उठाते हुए सेवानिवृत्ति की तारीख के बाद एक साल के लिए अनुबंध के आधार पर वैद्य को पुन: कंपनी का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया। चार अगस्त, 2023 को जारी किए गए आधिकारिक आदेश के अनुसार, वैद्य की नियुक्ति एक सितंबर, 2023 से 31 अगस्त, 2024 तक प्रभावी है।