Home विदेश गाजा में हर दिन मानवीय सहायता पहुंचाने कुछ देर युद्ध अभियान रोकेगा...

गाजा में हर दिन मानवीय सहायता पहुंचाने कुछ देर युद्ध अभियान रोकेगा इस्राइल

8
0

गाजा.

इस्राइली सेना ने मानवीय सहायता की बढ़ी हुई मांग की डिरीवरी की अनुमति देते हुए गाजा में अपने आक्रमण पर कूटनीतिक तौर पर रोक लगाने की घोषमा की। सेना ने कहा कि राफा क्षेत्र में सुबह के आठ बजे से शाम के सात बजे तक रोक लगाई गई है। अगली सूचना तक हर दिन रोक रहेगी। इस रोक का उद्देश्य सहायता ट्रकों को इस्राइल नियंत्रित केरेम शेलोम क्रॉसिंग के पास पहुंचाना है।

दरअसल यह क्षेत्र सहायता पहुंचाने का मुख्य द्वार है। बताया गया कि इस रोक को संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों के साथ समंवित किया जा रहा है। आठ महीने से इस्राइली सेना लगातार गाजा पर हमले कर रहे हैं। इस हमले ने गाजा को मानवीय संकट में डाल दिया। यूएन ने इस दौरान गाजा में भूखमरी और सैकड़ो-हजारों लोगों के अकाल के कगार में होने की रिपोर्ट दी है। अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों ने इस्राइल से संकट को कम करने का आग्रह किया। संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, यूएन को छह मई से छह जून तक प्रतिदिन सहायता के तौर पर औसतन 68 ट्रक प्राप्त हुए। यह अप्रैल में प्रतिदिन औसतन 168 से कापी कम था। सहायता समूहों का कहना है कि प्रतिदिन 500 ट्रकों की जरूरत है।

गाजा में जैसे-जैसे मानवीय जरूरतें बढ़ने लगी, सहायता का प्रवाह कम होने लगा। करीबन दस लाख फलस्तीनी राफा भाग गए। कई पहले ही भाग गए थे, उनमें से अधिकांश अब टूटे फूटे टेंट और शिविरों में रह रहे हैं। गाजा में सहायता वितरण की देखरेख करने वाली इस्राइली सैन्य संस्था कोगाट का कहना है कि सहायता ट्रकों के प्रवेश पर रोक नहीं है। उन्होंने बताया कि दो मई से 13 जून के बीच 8,600 ट्रकों ने विभिन्न क्रॉसिंग से गाजा में प्रवेश किया।
कोगाट के प्रवक्ता शिमोन फ्रीडमैन ने कहा, "यह संयुक्त राष्ट्र की गलती थी कि उसका माल केरेम शालोम के गाजा क्षेत्र में जमा हो गया।" हालांकि, यूएन ने इन आरोपों को नकार दिया। यूएन ने कहा कि इस्राइल और हमास की लड़ाई अक्सर गाजा के अंदर यूएन के ट्रकों के लिए केरेम शालोम तक यात्रा करना  खतरनाक बना देती है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा में कमी के कारण कई बार रास्ते में ही भीड़ ट्रकों को लूट लेते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here