भोपाल
दक्षिण पश्चिम मानसून की गतिविधियां अरब सागर में कुछ शिथिल पड़ी हैं, लेकिन बंगाल की खाड़ी में उसकी सक्रियता बढ़ी है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगले चार-पांच दिन में मानसून महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, तटीय आंध्र प्रदेश एवं गांगेय पश्चिम बंगाल में मानसून आगे बढ़ेगा, हालांकि उसके पहले मध्य प्रदेश में मानसून पूर्व की वर्षा का सिलसिला बना रहेगा।
मध्य प्रदेश में मौसम के दो रंग
करीब एक सप्ताह से मध्य प्रदेश में मौसम के दो तरह के रंग देखने का मिल रहे हैं। प्रदेश के उत्तरी भाग में जहां लू के हालात है, वहीं दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। शुक्रवार को प्रदेश में सबसे अधिक 45.2 डिग्री सेल्सियस तापमान खजुराहो में दर्ज किया गया। खजुराहो में लू चली। खरगोन में 34 बैतूल में एक एवं धार में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुई।
इन संभागों में शुष्क रहेगा मौसम
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक शनिवार को भी भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है। हालांकि ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, शहडोल संभाग में मौसम शुष्क बना रहने के साथ ही तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रह सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। बिहार पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर नगालैंड तक एक द्रोणिका बनी हुई है। इसके अतिरिक्त उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।
हवाओं का रुख दक्षिण-पश्चिमी
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में हवाओं का रुख भी दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। हवाओं की रफ्तार भी लगभग 30 किलोमीटर प्रति घंटा बनी हुई है। हवाओं के साथ नमी आने के कारण उमस तो बढ़ रही है, लेकिन प्रदेश के अधिकतर जिलों में दिन का तापमान 40-41 डिग्री सेल्सियस या उससे कम बना हुआ है। साथ ही दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की वर्षा हो रही है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो-तीन दिन तक बना रह सकता है।