मुंबई
बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि नरेंद्र मोदी पहले नेता नहीं जो मुस्लिमों के खिलाफ बोलते हैं। यह माहौल पहले से ही चला आ रहा है। वहीं उन्होंने मुस्लिमों की गलतियां भी बताईं। नसीर ने कहा कि मुस्लिमों का फोकस हमेशा गलत चीजों पर रहता है। वह शिक्षा के बजाय सानिया मिर्जा की स्कर्ट की लंबाई पर ध्यान देते हैं। गलती मुसलमानों की है, उन्हें अब जागना चाहिए। नसीरुद्दीन शाह एक इंटरव्यू के दौरान लोकसभा इलेक्शन के रिजल्ट और देश में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति पर बात कर रहे थे।
मोदी का विरोध रना आसान
नसीरुद्दीन शाह ने मीडिया से बातचीत में इस लोकसभा इलेक्शन में भाजपा को बहुमत ना मिलने पर बात की। वह बोले, हम सबको सोचना चाहिए कि चीजें कैसे ठीक हों। हम सबके लिए मोदी का विरोध करना आसान है। देश में जो गलत हो रहा है उसका ब्लेम मोदी पर लगाना आसान है, सच तो यह है कि मोदी के पावर में आने से पहले भी देश में काफी कुछ गलत था। मोदी ने तो बस उन गलत चीजों को फिर से छुआ है जो पहले से ही कहीं दबी थीं।
मुझे मुस्लिम होने पर ताना मारा जाता था
नसीर बोले, मुझे याद है बचपन में मुझे मुस्लिम होने पर ताना मारा जाता था और मैं भी दूसरों के धर्म पर टॉन्ट करता था। मुझे लगता है कि ये सब चीजें पहले से ही थीं। मोदी बहुत चालाक हैं कि उन्होंने इन चीजों को ही छेड़ा। यह कहना आसान है कि पहले सब कुछ सही था। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि बॉलीवुड के गाने तू हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित हैं।
सानिया की स्कर्ट और हिजाब पर फोकस
नसीरुद्दीन ने मुस्लिमों की गलतियां भी बताईं। बोले, सच तो यह है मुस्लिम भी पाक-साफ नहीं हैं। मुस्लिमों ने हमेशा गलत चीजों पर ध्यान लगाया। वे हिजाब, सानिया मिर्जा की स्कर्ट की लंबाई पर फोकस करते रहे जबकि उन्हें शिक्षा और अपनी कौम का ज्ञान बढ़ाने पर करना चाहिए था। जब मॉडर्न बातें सिखाई जानी थीं तब मदरसों में ढकेलने का काम किया गया। मुस्लिमों की गलती है। बहुत हो गया मुस्लिमों को अब जागना चाहिए।
मुस्लिमों का विरोध करने वाले पहले नेता नहीं हैं मोदी
एंटी मुस्लिम कमेंट्स पर नसीर बोले, ऐसा करने वाले वह पहले नेता नहीं हैं। वह बस मौके पर आ गए। मुस्लिम लीग के जवाब में हिंदू महासभा 1915 में बनी थी। दो बंगाली लोगों का नाम मुझे याद नहीं आ रहा लेकिन उन लोगों ने 2 नेशन थिअरी की बात शुरू की थी। स्वतंत्रता की लड़ाई आखिरी वक्त था जब हिंदू-मुस्लिम पूरी तरह से एक थे। मोदी एक परंपरा पर चल रहे हैं जो कि कई नेता शुरू कर गए हैं। योगी आदित्यनाथ आज भी कहते हैं कि हिंदू-मुस्लिम साथ नहीं रह सकते।