कानपुर। कोविड (COVID-19) की तीसरी लहर लगभग खात्मे की ओर है. तेजी से घट रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखखर अब लोगों में भी राहत है. लेकिन ऐसा नहीं कोरोना का खतरा टला हो. IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी दी है कि कोरोना की चौथी लहर, जून के मध्य या आखिर तक आ सकती है।
ये चेतावनी IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद दी है. शोध में एक सांख्यिकीय मॉडल का इस्तेमाल किया गया और उसके नतीजों से पता चलता है कि अगली लहर लगभग चार महीने तक रहेगी। इस शोध के मुताबिक, जो डेटा निकलकर सामने आया है, वो इस तरफ इशारा करता है कि भारत में कोविड-19 की चौथी लहर, शुरुआती डेटा की उपलब्ध तारीख से 936 दिनों के बाद आएगी. और यह तारीख थी 30 जनवरी, 2020.
22 जून के आसपास शुरू हो सकती है चौथी लहर
शोध के मुताबिक, भारत में कोविड की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है और अगस्त के मध्य या अंत तक चरम पर पहुंच सकती है. हालांकि, भारत में इस लहर की गंभीरता वायरस के वैरिएंट की प्रकृति और कोविड वैक्सीनेशन की स्थिति पर निर्भर करेगी।
वैरिएंट दो अलग-अलग तरीकों से सामने आ सकता है
एक अन्य हालिया अध्ययन से पता चला है कि कोविड का अगला वैरिएंट दो अलग-अलग तरीकों से सामने आ सकता है. साथ ही, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि नया वैरिएंट पहले आए वैरिएंट की तुलना में कम गंभीर होगा। सिएटल में फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर के वायरोलॉजिस्ट जेसी ब्लूम का कहना है कि पहली संभावना यह है कि ओमिक्रॉन का बढ़ना जारी रहेगा, जो हो सकता है कि किसी पतरह का ओमिक्रॉन-प्लस वैरिएंट बनाए, जो BA.1 या BA.2 से भी बदतर होगा. दूसरी संभावना यह है कि कोई नया वैरिएंट आ जाए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि हो सकता है कि ओमिक्रॉन आखिरी कोविड वैरिएंट न हो और अगला वैरिएंट और भी संक्रामक हो सकता है।