कीव। यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग में भले ही भारत ने किसी का भी पक्ष नहीं लिया है, लेकिन उसने मानवीय आधार पर बड़ा दखल देने का फैसला लिया है। सोमवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन मानवीय मदद भेजेंगे, इसमें दवाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा लॉन्च किया है। इसके तहत अब तक 1,400 लोगों को 6 विमानों के जरिए भारत लाया गया है। इनमें से 4 विमान रोमानिया के बुकारेस्ट से आई हैं, जबकि दो विमान हंगरी के बुडापेस्ट से भारत आई हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि लोगों को निकालने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन में लगातार स्थितियां कठिन हो रही हैं, जो चिंताएं बढ़ाने वाली हैं। हमने अपने अभियान को तेज कर दिया है और लोगों को जल्दी से जल्दी निकालने पर हमारा फोकस है। केंद्र सरकार का कहना है कि हमारी ओर से एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद से अब तक 8,000 भारतीय यूक्रेन से निकल चुके हैं। एक तरफ मोदी सरकार ने हरदीप सिंह पुरी, वीके सिंह, किरेन रिजिजू और ज्योतिरादित्य सिंधिया को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला लिया है तो वहीं दिल्ली में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यूक्रेन से लौटने वाले भारतीयों का स्वागत किया।
5 रास्तों से भारतीयों को निकालने की तैयारी कर रही सरकार
यूक्रेन से दिल्ली लौटे एक छात्र ने कहा कि सरकार की ओर से पूरी व्यवस्था की गई थी। हमारे परिवार के लोग चिंतित थे, लेकिन हम सरकार को धन्यवाद देते हैं कि उसने सुरक्षित हमें बाहर निकालने का काम किया। हालात बेहद गंभीर हैं। स्टूडेंट ने कहा कि अब भी बड़ी संख्या में लोग वॉर जोन में फंसे हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया जा रहे हैं, जबकि किरेन रिजिजू को स्लोवाकिया भेजा रहा है। इसके अलावा हरदीप सिंह पुरी को हंगरी और वीके सिंह को पोलैंड भेजा जा रहा है। ये सभी मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंचकर भारतीय लोगों की वापसी में मदद करेंगे।
सरकार की भारतीयों को सलाह- पश्चिमी यूक्रेन की ओर बढ़ें
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने मोलडोवा से भी एक रूट की तलाश की है। इसके जरिए भी लोगों को भारत लाया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मोलडोवा के रास्ते भी लोगों को निकालने में मदद करेंगे। भारत की ओर से छात्रों और अन्य लोगों को सलाह दी गई है कि वे पश्चिमी यूक्रेन में जाएं। सरकार ने सलाह दी है कि वे सीमाओं की ओर से सीधे तौर पर न जाएं क्योंकि वहां भारी भीड़ है। वहां से निकलने में वक्त लगेगा। इसलिए सरकार ने सलाह दी है कि आसपास के शहरों में चले जाएं और कुछ वक्त वहीं गुजारें। हम वहां व्यवस्था कर रहे हैं और टीमें आपकी हेल्प करेंगी।