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केंद्र सरकार चाहेगी कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आ जाए, दोनों ईंधन सस्ता हो जाएगा

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नई दिल्ली
 केंद्र सरकार का प्रयास होगा कि पेट्रोल, डीजल और नेचुरल गैस जैसे ईंधन वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में आए। यह कहना है केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का। उन्होंने मंगलवार को ही फिर से इसी मंत्रालय का कार्यभार संभाला।

जीएसटी में लाने का प्रयास

 हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने का प्रयास करेगी। यह पहली बार नहीं है कि पुरी ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर जोर दिया है। यहां तक कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले साल नवंबर में कहा था कि इसे लागू करने से लोगों को फायदा होगा। हालांकि, पुरी ने पहले हवाला दिया था कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने के लिए राज्यों को सहमत होना होगा, जिनके लिए ईंधन और शराब प्रमुख राजस्व जनरेटर हैं।

ऑयल पीएसयू बेचने के पक्ष में नहीं

उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार के नए कार्यकाल में वह सरकारी तेल कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने के पक्ष में नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि इसी सरकार ने साल 2022 में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की विनिवेश प्रक्रिया को रद्द इसलिए कर दिया था क्योंकि इसके लिए मैदान में सिर्फ एक बोली लगाने वाला बचा था। मंत्री की टिप्पणी के बाद बीपीसीएल, एचपीसीएल और आईओसीएल के शेयरों में थोड़े समय के लिए उछाल आया। दोपहर 1:20 बजे तक बीपीसीएल, एचपीसीएल और आईओसीएल क्रमश: लगभग 0.5 फीसदी, 0.8 फीसदी और 1.1 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।

20 फीसदी ब्लेंडिंग होगी

उन्होंने दोहराया कि सरकार पेट्रोल में 15 प्रतिशत इथेनॉल की ब्लेंडिंग को पार करने में सक्षम थी और अगले साल तक 20 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा "जैसा कि आप जानते हैं, प्रधान मंत्री ने 2030 तक 20% ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा था…मैंने जो देखा है और प्रगति पर काम के आधार पर, मुझे पूरा विश्वास है कि 20% ब्लेंडिंग लक्ष्य, 2025 तक पूरा हो जाएगा।"

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