आईसीएआई अगले 3 वर्षों में 9 नए एक्सीलेंस सेंटर खोलेगा : अग्रवाल
दो दिवसीय प्रज्ञान- स्ट्रैटेजाइज़, इनोवेट, एक्सेल फॉर चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का आयोजन
भोपाल
दि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) जयपुर और हैदराबाद में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू करने के बाद अब अगले 3 वर्षों में 9 नए सेंटर खोलेगा। यहां देशभर के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (सीए) को बेसिक ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। वहीं दूसरी ओर आईसीएआई अपने सोशल दायित्वों का निर्वहन करते हुए कैग के साथ मिलकर देशभर की 2.60 लाख पंचायतों और नगरीय निकायों के लिए ट्रेंड एकाउंटेंट्स भी तैयार करेगी जिसके लिए फीस मात्र 500 रुपए प्रति छात्र रखी गई है। यह बातें आज आईसीएआई के प्रेसिडेंट सीए रंजीत अग्रवाल ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि यह कोर्स 4 माह का है और इसके कम्पलीट करने पर आईसीएआई और कैग का ज्वाइंट सर्टिफिकेशन दिया जाता है। अभी तक इसकी परीक्षाएं हो चुकी हैं और 600 छात्र ट्रेंड एकाउंटेंट बन चुके हैं। इस अवसर पर आईसीएआई के वाइस प्रेसिडेंट चारनोत सिंह नंदा, अभय छाजेड़, अनुज गोयल और भोपाल की चेयरमैन पारुल श्रीवास्तव, राजेश जैन, प्रदीप मुटरेजा आदि उपस्थित रहे।
अग्रवाल ने कहा कि आईसीएआई की प्रोफेशनल डेवलपमेंट कमेटी द्वारा भोपाल में दो दिवसीय ‘प्रज्ञान’ नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन 8-9 जून को किया जा रहा है जिसमें देशभर के सीए और विशेषज्ञ वक्ता भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि 13 लाख सदस्यों और स्टूडेंट्स के साथ आज आईसीएआई दुनिया की सबसे बड़ी चार्टर्ड एकाउंटेंटस बॉडी बन गई है। वर्तमान में आईसीएआई के 4 लाख सदस्य हैं जिसमें एक तिहाई तो महिलाएं हैं। वहीं 9 लाख स्टूडेंट्स हैं जिसमें 44% गर्ल्स हैं। दुनिया भर में 182 एकाउंटिंग बॉडी हैं। 1600 सदस्यों के साथ शुरू हुआ आईसीएआई अपने 75वें वर्ष में दुनिया की सबसे बड़ी सीए बॉडी बन गया है जिसपर हमें गर्व है।
देश की आर्थिक प्रगति व टैक्स कलेक्शन बढ़ाने में सीए का अहम रोल
आईसीएआई प्रेसिडेंट सीए रंजीत अग्रवाल ने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति में सीए का अहम रोल है। जीएसटी, आईटी, सॉल्वेंसी, रेरा, सब्सिडी इत्यादि सभी जगह सीए प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। वास्तव में सीए की प्रोफेशनल अपॉरच्यूनिटी तेजी से बढ़ रही है। एसएमई के टैक्स कलेक्शन, मर्जर, एक्वीजिशन में तो सीए की मुख्य भूमिका रहती ही है, साथ ही लार्ज कॉर्पोरेट्स में भी बड़ी-बड़ी सीए फर्म्स अपनी सेवाएं दे रही हैं।
सीए रन फॉर विकसित भारत 30 जून को
उन्होंने कहा कि आईसीएआई के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में देश-विदेश में कार्यरत सभी सीए के लिए आगामी 30 जून को सीए रन फॉर विकसित भारत’ का आयोजन विभिन्न शहरों में किया जाएगा। इसका उद्देश्य 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। उन्होने कहा कि देशभर में जीएसटी का कलेक्शन 2.10 लाख करोड़ रु. के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। पहले सर्विस टैक्स था। 2017 में जीएसटी लॉ आया है तब से लेकर अभी तक हम 12 हजार से ज्यादा सेमिनार आयोजित कर चुके हैं। आज अधिकतम सीए जीएसटी की प्रैक्टिस करते हैं।
फाइलिंग में प्रॉब्लम को दूर करने के लिए हम सरकार को समय-समय पर सुझाव देते रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा एग्जाम सिस्टम दुनियाभर में बेस्ट है यही कारण है कि कैग के साथ एमओयू करके हमने पंचायतों और निकायों के लिए ट्रेंड एकाउंटेंट्स तैयार करने शुरू कर दिए हैं। सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़ाने में सीए और देशभर में डिजिटाइजेशन का अहम रोल रहा है। लोगों का डाटा सरकारी सिस्टम में आने के बाद से टैक्स चोरी में कमी आई है। देश के टैक्स सिस्टम में सुधार आया है। आईसीएआई हर साल 25 हजार सीए तैयार कर रहा है।
कंपनी अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों पर प्रकाश –
सुबह के सत्र में उद्योग जगत के दिग्गज सीए कमल गर्ग (दिल्ली) ने कंपनी अधिनियम, खातों को अंतिम रूप देने, ऑडिट ट्रेल्स और खातों की पुस्तकों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक विचारोत्तेजक प्रवचन दिया। सत्र के दौरान सीए कमल गर्ग ने कंपनी अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों और हाल के संशोधनों पर प्रकाश डाला और व्यवसायों के लिए उनके निहितार्थों पर चर्चा की। उपस्थित लोगों ने अनुपालन आवश्यकताओं, शासन संरचनाओं और कॉर्पोरेट संस्थाओं को नियंत्रित करने वाले कानूनी ढांचे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त की।
उद्यमियों और छोटे व्यवसाय मालिकों को सशक्त बनाने के लिए, दिल्ली के सम्मानित वक्ता सीए नीरज अरोड़ा द्वारा "एमएसएमई और स्टार्टअप: लाभ, फंडिंग और कराधान" पर केंद्रित एक तकनीकी सत्र 2 आयोजित किया गया था। इस सत्र का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और स्टार्टअप की जटिलताओं को गहराई से समझना, उनके विकास और आजीविका के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न लाभों, वित्त पोषण के रास्ते और कराधान पहलुओं पर प्रकाश डालना था।
तकनीकी सत्र 3 में, दिल्ली के सम्मानित वक्ता सीए अशोक बत्रा ने भारतीय कराधान प्रणाली के दायरे में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) में हाल के मुकदमों पर गहन जानकारी प्रदान की। सत्र में तीन महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई:
1. धारा 16(4) का मामला
2. जीएसटीआर-2बी बनाम जीएसटीआर-3बी के बेमेल का मामला
3. पूर्वव्यापी आपूर्तिकर्ता पंजीकरण रद्दीकरण के कारण आईटीसी से इनकार
तकनीकी सत्र 4 में सोसायटी ऑडिट के महत्वपूर्ण क्षेत्र पर चर्चा की गई, इस क्षेत्र में निहित असंख्य अवसरों और अनुपालनों की खोज की गई। मुंबई के वक्ता सीए रमेश प्रभु ने अपनी गहन अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सीए रमेश प्रभु ने सोसायटी ऑडिट के भीतर मौजूद अवसरों की व्यापक समझ प्रदान की और क्षेत्र में उनके विशाल अनुभव और विशेषज्ञता ने इस क्षेत्र में काम करने वाले लेखा परीक्षकों और पेशेवरों के लिए विकास के विभिन्न मार्गों पर प्रकाश डाला।