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अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस से सीएम रहते पेमा खांडू ने बगावत कर खिलाया कमल

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ईटानगर.

अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत के साथ जीत हासिल की है। पूर्व मुख्यंमत्री दिवंगत दोरजी खांडू के बेटे पेमा खांडू राज्य में दो बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अब तीसरी बार मिली जीत के साथ ही खांडू तीसरी बार सत्ता का सिंहासन संभालेंगे। क्या आप जानते हैं कि तीसरी बार सीएम बनने वाले पेमा खांडू कौन हैं? उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत कब हुई? कांग्रेस से बगावत करने बाद वे पहली बार मुख्यमंत्री कब बने? किस तरह वे देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने?

पेमा खांडू का जन्म 21 अगस्त, 1979 को तवांग में हुआ था। चीन की सीमा से सटे तवांग जिले के ग्यांगखर गांव से ताल्लुक रखने वाले पेमा खांडू मोनपा जनजाति से आते हैं। उन्होंने तवांग के बोम्बा में सरकारी माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वर्ष 2000 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक की उपाधि हासिल की। उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा।  
ऐसे हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत
यूं तो पेमा खांडू को राजनीति विरासत में ही मिली है। उनके पिता दोरजी खांडू अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2005 में पेमा खांडू राजनीति में कदम रख दिया था, जब उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन, उनके असल राजनीतिक सफर की शुरुआत तब होती है, जब उनके पिता दोरजी खांडू का हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। दोरजी खांडू 2007 से 2011 तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। इसके बाद पेमा खांडू ने वर्ष 2011 में अपने ही पिता के विधानसभा क्षेत्र मुक्तो से चुनाव लड़ा और विजयी हुए। इसके बाद पेमा खांडू को अरुणाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वर्ष 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी के नेतृत्व वाली सरकार में पेमा खांडू को शहरी विकास मंत्री नियुक्त किया गया। इसके बाद उनके राजनीतिक जीवन में बड़ा मोड़ आया।

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