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कालेज छात्रा को पिता ने ही उतारा था मौत के घाट, 15 दिन बाद हुआ खुलासा

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लड़कों से ज्यादा बात करना पिता को नहीं था पसंद, इसलिए उतारा मौत के घाट
मृतका के नजदीकियों से पूछताछ के दौरान पुलिस ने पिता को पूछताछ के लिया था हिरासत में, आखिर कार वह टूटा और पुलिस को बताई सारी बात
आरोपी हत्या के बाद किसी को शक न हो इसलिए रक्तरंजिश कपड़े को मिला दिया था पुराने कपड़े में
महासमुुंद।
कनेकेरा हत्याकांड की गुत्थी 15 दिन बाद कोतवाली पुलिस ने सुलझा ली है। हत्या के आरोप में पुलिस ने छात्रा के पिता को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। घटना 31 दिसंबर रात की है। एक जनवरी सुबह लड़की की रक्तरंजिश लाश गांव के स्टॉप डेम मुडानाला के पास मिली थी। आखिरकार शनिवार को पुलिस की जांच पूरी हुई और पिता को बेटी के हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के घर से हत्या के समय पहने हुए खून से सने कपड़े भी बरामद किया है। मामले का खुलासा शनिवार को सरायपाली एसडीओपी राजीश शर्मा ने कोतवाली थाने की। उन्होंने बताया कि ग्राम कनेकेरा निवासी सुलोचना दीवान पिता संतोष दीवान (19) की हत्या के आरोप में उसके पिता संतोष दीवान को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद से पुलिस हर एक पहलुओं पर जांच कर रही थी। मृतका के परिजन सहित उसके छात्र-छात्राओं से भी पूछताछ कर रही थी। तभी मृतिका के प्रेमी चोवाराम ने पुलिस को बताया कि उसके पिता सुलोचना के लगातार फोन से बात करने तथा घर से आने जाने पर उसके चरित्र पर संदेह कर गाली गलौच कर प्रताडि़त करते थे। इसके बाद टीम की शंका उसके पिता के ऊपर और बढ़ गई, क्योंिक पुलिस को खोजी कुत्ता बार-बार उसके घर ही जा रहा था। अंत में टीम ने मृतका के पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ की। आखिरकार वह टूट गया और अपराध कबूल करते हुए घटना के संबंध में बताया। मामले की गुत्थी सुलझाने में निरीक्षक राकेश खुटेश्वर, प्रशिक्षु आईपीएस आंजनेय वाष्णेय, उप निरीक्षक विनोद शर्मा, सअनि डामनसिंह, नागवशी प्रधान आरक्षक ललित चंद्राकर, आरक्षक चुड़ामणी सेठ, राहुल टंडन, महिला आरक्षक सीमा ध्रुव का विशेष योगदान रहा।
इसलिए की पिता ने बेटी की हत्या
एसडीओपी ने बताया कि मृतका हमेशा मोबाइल से अपने प्रेमी व सहेलियों से मोबाइल पर बात करती थी। इसके पिता को संदेह था कि कहीं उसकी लड़की समाज में नाक नीचे न कर दे, क्योंकि आरोपी की छोटी बहन ने प्रेम विवाह किया था। जिसके कारण उसे कई वर्षों तक समाज में स्वय लज्जा महसूस व परिवार का नाक नीचा होने का दंश झेल रहा था। इसी बात उसे खाई जाती थी, इसलिए वह अपनी लड़की सुलोचना से काफी नाराज रहता था। मोबाइल में बातचीत करते देख व समय बेसमय घर आने की हरकत को सुधारने के लिए उसे फटकार लगाता था। घटना के दिन (31 दिसंबर दोपहर) भी मृतका दोपहर तीन बजे परिजनों को बिना बताएं कहीं चली गई थी। रात आठ बजे जब वह घर आई तो उसके पिता ने फटकारा। इसी बात को लेकर दोंनों में विवाद हो गया और वह रात में घर से भागते स्टॉप डेम की ओर जा रही थी। उसके पिता भी पीछे-पीछे गया और मेरा नाक छोटी बहन ने कटवा ही िदया है अब तु भी नीचा दिखाएगी कहते हुएस उसके सिर पर पत्थर से वार कर दिया। इससे सुलोचना बेहोश हो गई। उसके पिता ने दो से तीन बार उसके सिर में पत्थर से वार कर मौत के घाट उतार दिया।
पिता पर थी पुलिस को पहले से शंका
मृतका की लाश स्टॉप डेम के पास रक्तरंजिश पड़ी थी। पुलिस सूचना पर घटना स्थल पहुंची। पुलिस को जब पता चला कि मृतका कनेकेरा की रहने वाली है और उसके पिता संतोष दीवान है, तो उसके पिता को बुलाकर शव की शिनाख्त करने को कहा, लेकिन संतोष दीवान ने वहां जाने से मना कर दिया। इसके बाद मृतका के दादा हरिलाल दीवान से शिनाख्त कराई गई। पुत्री की हत्या के बाद पिता के आंखों में आसू व घटना स्थल न जाना पुलिस को पच नहीं रहा था। शिनाख्त के बाद जब हत्यारे की सुराग ढूंढने पुलिस ने डॉग स्क्वॉड बुलाया तो, डॉग भी बार-बार मृतका के घर जा रहा था। पुलिस की संदेह फिर बढ़ गया। उसके बाद प्रेमी के बताने पर उसे गिरफ्तार किया गया। आरोपी के बताए अनुसार पुलिस ने उसके रक्त से सने कपड़े को भी घर से बरामद किया।