नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रतिबंधों की घोषणा की है। दो रूसी वत्तिीय संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि रूस, पश्चिमी देशों के साथ और व्यापार नहीं कर पाएगा। हमारे पास कई कदम हैं जो उठाए जाने हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के बीच जारी विवाद को सुलझाने की कोशिश करते रहेंगे। वहीं, रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने यूक्रेन से अपने राजनयिक कर्मियों को बाहर निकालने का फैसला किया है। मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन में रूसी राजनयिकों को कई धमकियां मिली हैं और राजनयिक कर्मियों को ”शीघ्र अति शीघ्र” निकाला जाएगा। इस फैसले से पहले रूस ने यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी और रूसी संसद ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में सैन्य बलों के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी।
यूक्रेन के विदेश मंत्री डिमिट्रो कुलेबा ने मंगलवार को कहा कि यदि अमेरिका और रूस मिलकर दबाव नहीं बनाते तो यूक्रेन के परमाणु हथियारों के लिए बेहतर रास्ता ढूंढा जा सकता था। कुलेबा से मंगलवार को फॉक्स न्यूज के एक साक्षात्कार के दौरान पूछा गया कि क्या यूक्रेन के लिए अपने परमाणु हथियार छोड़ने का कदम गलत था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, “यदि अमेरिका ने रूस के साथ मिलकर यूक्रेन को उसके परमाणु हथियारों से वंचित करने की स्थिति नहीं अपनाई होती तो एक बेहतर नर्णिय पर विचार किया जा सकता था।”
एंटोनी ब्लिंकन ने रद्द की रूसी विदेश मंत्री के साथ बैठक
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र क्षेत्र के तौर पर मान्यता देने के बाद उन्होंने जिनेवा में अपने रूसी समकक्ष के साथ होने वाली बैठक रद्द कर दी है। ब्लिंकन ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि रूस की कार्रवाई दर्शाती है कि वह मौजूदा संकट के समाधान के वास्ते कूटनीतिक रास्ता अपनाने को लेकर गंभीर नहीं है। इसलिए उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक रद्द कर दी है।