बेगूसराय.
बेटियां बचाओ… केंद्र सरकार भी कहती है और राज्य सरकार भी। लेकिन, बचाने का प्रयास ऐसा है कि आप जानकर हैरान रह जाएंगे। बिहार के मुजफ्फरपुर से एक साथ 13 मई को तीन लड़कियां चिट्ठी छोड़कर निकलीं कि 'बाबा' की भगत हो गई हैं, उनके आदेश पर घर छोड़ जा रही हैं। परिजन खुद ढूंढ़ने के बाद अगले दिन 14 मई को थाने में लिखित सूचना दे आए, लेकिन पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में आठ दिन लग गए।
प्राथमिकी दर्ज करने की रफ्तार इतनी धीमी थी कि 22 मई को यह मुजफ्फरपुर के थाने में दर्ज हुई और 24 मई को तीनों की लाश 960 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के मथुरा में रेलवे ट्रैक पर मिली। अब आज 29 मई है। वह चिट्ठियां हैं। लड़कियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल हैं, लेकिन पुलिस डीएनए जांच और इन कागजातों में उलझी है। अबतक उस 'बाबा' को नहीं ढूंढ़ सकी है, जिसके 'आदेश' पर तीन लड़कियां निकली और 960 किलोमीटर दूर यात्रा कर कथित रूप से आत्महत्या कर बैठीं।