धनबाद.
झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान ली गई याचिका का सोमवार को निपटारा कर दिया, जिसमें धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या की जांच की मांग की गई थी। न्यायालय को सीबीआई ने बताया कि जांच पूरी हो गई है। आरोपी राहुल वर्मा और लक्ष्मण वर्मा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। दोनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सीबीआई ने न्यायालय को यह भी बताया कि जांच में किसी भी साजिश का कोई संकेत नहीं मिला है। आगे जांच की आवश्यकता नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश दीपक रोशन की खंडपीठ ने सीबीआई की दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि जांच सभी पहलुओं से पूरी हो गई है। किसी गहरी साजिश का कोई तत्व सामने नहीं आया है, इसलिए याचिका का निपटारा किया जाना चाहिए। न्यायाधीश उत्तम आनंद की 28 जुलाई 2021 को धनबाद में हत्या हुई थी। वे सुबह 5 बजे रणधीर वर्मा चौक के पास टहल रहे थे, तभी एक ऑटो-रिक्शा ने उन्हें टक्कर मार दी, जिसमें ड्राइवर के साथ सामने एक यात्री बैठा था। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि ऑटो-रिक्शा के पीछे एक मोटरसाइकिल सवार चल रहा था, जिसने न्यायाधीश को जमीन पर गिरते देखा, लेकिन उसने मदद नहीं की। बाद में न्यायाधीश उत्तम आनंद को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। इस घटना के 12 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने तत्कालीन खंडपीठ को बताया था कि अन्य सीसीटीवी फुटेज से भी सबूत इकट्ठा किए गए हैं और ऑटो-रिक्शा जब्त कर लिया गया है। अगस्त 2021 में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था, जिसने दो आरोपियों राहुल वर्मा और लक्ष्मण वर्मा को गिरफ्तार किया था, जिन्हें अब दोषी ठहराया गया है और उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।