पटना.
बिहार-झारखंड में लोगों को झांसे में लेने वाले कॉल की भरमार रहती है। अबतक सिर्फ इसका अंदाजा लगाया जाता था। अब एक ऐसा आंकड़ा सामने आया है, जो इसकी गंभीरता और विकराल स्थिति को सामने ला रहा है। एयरटेल ने यह आंकड़ा जारी किया है। एयरटेल ने 27 दिनों का आंकड़ा जारी किया है। 27 दिनों के अंदर एयरटेल ने बिहार-झारखंड सर्किल में 22 करोड़ स्पैम कॉल और 70 लाख स्पैम मैसेज की पहचान की।
एयरटेल के स्पैम डिटेक्शन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक ने ऐसे कॉल-मैसेज की पहचान की है। भारती एयरटेल के बिहार-झारखंड के सीईओ सुजॉय चक्रवर्ती ने मंगलवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह आंकड़ा सार्वजनिक किया। सुजॉय चक्रवर्ती ने कहा कि डिजिटल दुनिया में मोबाइल उपभोक्ता लगातार घोटालों और धोखाधड़ी के बढ़ते खतरों का सामना कर रहे हैं और असुरक्षित महसूस करते हैं। इस गंभीर चुनौती को दूर करने के लिए एयरटेल ने एक अनूठा एआई-पावर्ड तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है। यह अत्याधुनिक तकनीक संदिग्ध स्पैम कॉल्स और मैसेज को सक्रिय रूप से पहचानकर बिहार और झारखंड में एयरटेल के चार करोड़ ग्राहकों को सशक्त बनाती है। एयरटेल के डेटा वैज्ञानिकों ने एआई-सक्षम सेवा को बनाने में एक विशेष एल्गोरिद्म का उपयोग किया गया है, जो कॉल और एसएमएस को सस्पेक्टेड स्पैम के चिह्नित कर उपभोक्ता को अलर्ट करता है। एआई एल्गोरिद्म की मदद से मॉनिटर किया जाता है कि किस नंबर से कॉल आ रहा है या किसने एसएमएस भेजे हैं। इसके अलावा, यह कॉल और एसएमएस की संख्या और कितनी देर तक कॉल हुई, इसका भी विश्लेषण रखता है। जब यह जानकारी पहले से ज्ञात स्पैम पैटर्न से मिलती है, तो सिस्टम संभावित स्पैम कॉल्स और एसएमएस को सटीक ढंग से पहचान लेता है। बिहार-झारखंड सर्किल में इसी के जरिए 27 दिनों के अंदर एयरटेल ने बिहार-झारखंड सर्किल में 22 करोड़ स्पैम कॉल और 70 लाख स्पैम मैसेज की पहचान की गई।