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यूक्रेन के साथ तनाव के बीच रूस की सेना करेगी मिसाइल ड्रिल, पुतिन रहेंगे मौजूद

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मॉस्को। यूक्रेन और पश्चिमी देशों के साथ तनाव के बीच रूस ने बड़े पैमाने पर मिसाइल ड्रिल करने की घोषणा की है। यह अभ्यास शनिवार को होगा जिसे देखने के लिए खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मौजूद होंगे। क्रेमलिन के अनुसार क्रीमिया और काला सागर के करीब होने वाले इस अभ्यास में बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों सहित रूस का परमाणु बल भी हिस्सा लेगा। इस अभ्यास में रूस की एयरोस्पेस फोर्सेज, स्ट्रेटेजिक मिसाइल कमांड, नॉर्दर्न और ब्लैक सी फ्लीट्स और साउदर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट शामिल होंगी।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह अभ्यास कमांडरों और सैनिकों की ‘तत्परता’ के साथ-साथ ‘रणनीतिक परमाणु और गैर-परमाणु बलों’ के हथियारों की विश्वसनीयता का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों का लॉन्च भी शामिल होगा। अधिकारियों का दावा है कि यह अभ्यास भले ही एक पूर्व-नियोजित प्लान का हिस्सा है लेकिन यह ऐसे समय पर हो रहा है जब यह आशंका लगाई जा रही है कि रूस ने इसे यूक्रेन पर हमला करने के लिए एक कवर के तौर पर डिजाइन किया है।
पहले चरण में मिसाइलों से हमला करेगा रूस
एक्सपर्ट का मानना है कि रूसी हमले के पहले चरण में सीमावर्ती इलाकों, सैन्य अड्डों और प्रमुख शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया जाएगा। यूक्रेन पर रूस किस प्रकार हमला कर सकता है इसके बारे में अमेरिका ने अब तक की सबसे विस्तृत चेतावनी दी है और पश्चिमी देश इसे लेकर सतर्क हैं कि क्रेमलिन कोई बहाना बनाकर यूरोप में एक नया युद्ध छेड़ सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा कि रूस के पीछे हटने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है। इसकी बजाय और सैनिक यूक्रेन की सीमा पर इकट्ठा हो रहे हैं जिससे पता चलता है कि मास्को कभी भी हमला कर सकता है।
बाइडन ने रूसी हमले को लेकर किया आगाह
बाइडन ने वाइट हाउस में मीडिया से कहा, ‘हमारे पास इसकी पूरी जानकारी है कि वे (रूस) यूक्रेन पर हमला करने वाले हैं।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास यह मानने के पर्याप्त कारण हैं रूस युद्ध शुरू करने के लिए कोई भी बहाना बना सकता है। पश्चिमी देशों को आशंका है कि रूस के 1,50,000 सैनिक (रूस की थलसेना का लगभग 60 प्रतिशत) यूक्रेन की सीमा पर तैनात हैं। क्रेमलिन का दावा है कि उसकी आक्रमण की कोई योजना नहीं है।
सीमा से सैनिकों को वापस बुलाने का दावा खारिज
बाइडन, राजनयिक माध्यम से इस संकट को सुलझाने के लिए शुक्रवार को अटलांटिक देशों के नेताओं के साथ बातचीत कर सकते हैं। दुनियाभर के नेता इस संघर्ष का समाधान निकालने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन पूर्व और पश्चिम के बीच संदेह बढ़ता जा रहा है। नाटो सहयोगी देशों ने रूस के इस दावे को खारिज कर दिया है कि वह सीमा से सैनिकों को हटा रहा है। क्रेमलिन का कहना है कि उसकी हमला करने की कोई योजना नहीं है लेकिन वह लंबे समय से यूक्रेन को अपना हिस्सा मानता रहा है और नाटो के विस्तार को अपने लिए खतरा मानता है।