नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के चुनावी घमासान (UP Elections 2022) में भाजपा विभिन्न सामाजिक समुदायों के साथ संपर्क साधने के अलावा आधी आबादी यानी महिलाओं के साथ अलग से संवाद, संपर्क बनाए हुए है। इसके लिए पार्टी ने अपनी प्रमुख महिला नेताओं के अलावा अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में महिला नेता और कार्यकर्ताओं को इस अभियान में जुटाया है। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान समेत करीब एक दर्जन राज्यों की प्रमुख महिला नेता शामिल हैं। पार्टी का महिला जनसंपर्क अभियान अधिकतर शहरी क्षेत्रों में ही चल रहा है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश के चुनावी प्रबंधन में इस बार सात सह चुनाव प्रभारियों को तैनात किया है। इनमें तीन महिला नेता शामिल हैं। किसी भी राज्य के चुनाव प्रबंधन में पहली बार इतनी महिला नेताओं को मोर्चे पर लगाया गया है।
भाजपा ने उतारी महिला नेताओं की फौज
इनमें केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे, अन्नपूर्णा देवी के साथ पार्टी नेता सरोज पांडे शामिल हैं। ये सभी नेता पिछले दो माह से सतत रूप से संवाद और संपर्क में जुटे हुए हैं। ये नेता अब तो पूरी तरह महिलाओं के साथ ही जनसंपर्क, संवाद व बैठकें कर रहे हैं।
लखनऊ में एक्टिव हैं शोभा करंदलाजे
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय हैं। वह अभी तक महिलाओं के बीच सैकड़ों कार्यक्रम कर चुकी हैं। दरअसल, भाजपा की कोशिश विभिन्न सामाजिक वर्गों को अपने साथ जोड़ने की तो है ही, लेकिन जाति और धर्म से हटकर देश की आधी आबादी की जरूरतों और समस्याओं को दूर कर उनको भी अपने साथ खड़ा करने में जुटी हुई है। ऐसे में जाति और धर्म की दीवारें भी टूटती हैं। पार्टी के इस अभियान को काफी सफलता मिली है। उसे उम्मीद है कि इस बार के चुनाव में महिलाओं के मतदान का एक बड़ा हिस्सा उसके साथ जुड़ेगा, भले ही उसके परिवार के अन्य सदस्य किसी और दल और उम्मीदवार को वोट दें।
उत्तराखंड में लॉकेट चटर्जी को मिली थी जिम्मेदारी
गौरतलब है कि उत्तराखंड में भाजपा ने सह प्रभारी के रूप में महिला नेता लॉकेट चटर्जी को मोर्चे पर लगाया था। हाल में चुनाव के जो आंकड़े आए हैं, उनमें उत्तराखंड में महिलाओं के मतदान में लगभग पांच फीसदी की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश में भी अगर महिला मतदाता ज्यादा निकलती हैं और भाजपा के अभियान का असर होता है, तो पार्टी को काफी लाभ मिलने के आसार हैं।