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नोएडा में कमजोर वर्ग की महिलाएं और बच्चे जानेंगे कानूनी अधिकार

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महिला पुलिस गरीब बस्तियों और झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में लगाएगी ‘महिला चौपाल’
नयी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था में विभाग का चेहरा बदलने की कवायद
नोएडा।
अब कमजोर वर्ग की महिलाएं और बच्चे न केवल कानून का पाठ पढ़ेंगे बल्कि वे इसे अपनी जागरुकता का हथियार भी बनाएंगे। नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) नयी पुलिस कमिश्नरेट की महिला सुरक्षा विंग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है।
महिला सुरक्षा विंग गरीब बस्तियों, झुग्गी-झोपड़ियों और कम सारक्षता वाले मोहल्लों में ‘महिला चौपाल’ लगाएगी। इस तरह के कार्यक्रमों के तहत महिला सुरक्षा विंग इन इलाके की महिलाओं और बच्चों को कानून का पाठ पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें यह भी बताएगी कि मुश्किल और जरूरत के समय कैसे अपनी बात तथा शिकायत को पुलिस अधिकारियों तक पहुंचाया जा सकता है।
महिला सुरक्षा विंग की प्रभारी डीसीपी वृंदा शुक्ला ने रविवार को बताया कि गरीब बस्तियों, झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों और कम सारक्षता दर वाले मोहल्लों की महिलाओं को कानूनी रूप से सशक्त बनाने और उनमें अपराध के प्रति जागरुकता बढ़ाने के मद्देनजर यह ‘महिला चौपाल’ जैसे कार्यक्रमों की पहल शुरू की जा रही है। ताकि वे अपने अधिकारों और कानून के प्रति सजग होने के साथ किसी मुसीबत में अपनी शिकायत को सही तरीके से पुलिस अधिकारियों तक पहुंचा सकें। उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत रविवार से होनी थी लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणों से फिलहाल यह ‘महिला चौपाल’ कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।
‘चौपाल’ में होगी 10 सदस्यीय टीम
डीसीपी वृंदा ने बताया कि इन ‘महिला चौपाल’ कार्यक्रमों की टीम में आठ से दस पुलिसकर्मी शामिल होंगे। टीम में एक डीसीपी और कम से कम दो एसीपी और इलाके के चौकी इंचार्ज, बीट प्रभारी व महिला पुलिसकर्मी शामिल होंगे। पुलिस अधिकारी महिलाओं और बच्चों को 112 और 1090 हेल्प नंबरों पर पुलिस सहायता के बारे में भी अवगत कराएंगे।
पुलिस आयुक्त (नोएडा) आलोक सिंह का कहना है कि नयी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था के तहत ऐसी कई व्यवस्थाओं पर काम किया जा रहा है, ताकि अपराध और शिकायत पर जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनायी जा सके। कमजोर वर्ग की महिलाओं और बच्चों में जानकारी और जागरुकता का अभाव है, इसलिए सबसे पहले अपराध को लेकर इन्हें सजग और जागरूक करने के लिए ‘महिला चौपाल’ कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।