दमोह
जिला जेल में महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें जेल के सभी कैदियों के साथ डिप्टी जेलर सीएल प्रजापति ने बुंदेली गीत गाते हुए बरेदी नृत्य किया। इतना ही नहीं उन्होंने दिवारी गीत भी गाए, जिसका विडियो भी वायरल हुआ है। कार्यक्रम के दौरान कैदी भी भूल गए की वह जेल में हैं और उत्साह के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। दिवाली पर्व पर जिस तरह यादव समाज के लोग दिवारी गीत गाते हुए नृत्य करते हैं उसी तरह का नृत्य इन कैदियों के द्वारा भी किया गया। जिला जेल में वैसे तो विधिक साक्षरता से जुड़े कार्यक्रम आए दिन आयोजित होते रहते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं, लेकिन इस बार जिला जेल के सांस्कृतिक कार्यक्रम से जुड़े हुए वीडियो सोशल मीडिया पर है।
बुंदेली गीतों की प्रस्तुति
डिप्टी जेल अधीक्षक सीएल प्रजापति ने बताया कि रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर जिला जेल में पूजन, अर्चन किया गया और उसके बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें जेल के सभी बंदियों ने अपनी सहभागिता निभाई। यहां पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर बुंदेली गीतों की प्रस्तुति की गई जिसमें सभी ने नृत्य किया और गीत भी गाए। इस कार्यक्रम के दौरान महर्षि वाल्मीकि को याद करते हुए जेल के सभी बंदियों को बताया कि श्रीराम से महान राम का नाम है।
स्वच्छता पर जागरूकता
सीएल प्रजापति ने इसके बाद उन्होंने स्वच्छता पर बात की। प्रजापति ने कहा कि हमें स्वच्छता बनाए रखना चाहिए। समाज को स्वच्छ रखने की जवाबदारी केवल वाल्मीकि समाज की नहीं है हम सभी को भी अपनी सहभागिता निभानी चाहिए। हम भी इस साफ सफाई में बराबर के भागीदार बनेंगे तभी हमारा समाज स्वच्छ रहेगा और हम बीमारियों से दूर रहेंगे। उन्होंने कहा कि सब एक जुट होकर एक विचारधारा के साथ काम करेंगे, तो हमारे समाज में भाईचारा बढ़ेगा।