जैजैपुर
कहते हैं कि यदि काम करने की इच्छा शक्ति मन में हो तो कोई भी काम काम असंभव नहीं है,और अच्छे कार्य के लिये साथ देने सभी तैयार रहतें हैं। स्थानीय विधायक और नव पदस्थ तहसीलदार ने 9 वर्षों से कचंदा चौक से मिशन चौक मालखरौदा एवं छोटे सीपत से गोबराभांठा तक जाने वाली विवादित सड़क का निराकरण कर सड़क निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया।
करीब 9 वर्ष पूर्व इस सड़क का शिलान्यास तो काफी तामझाम के साथ किया गया था लेकिन उसके बाद इस सड़क पर बीच-बीच में रोड़े आए जिसकी ओर शासन प्रशासन ने ध्यान देना मुनासिब नही समझा। नतीजा 9 साल होने को आए, लेकिन सड़क का लाभ क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पाया था अभी भी लोग जर्जर सड़क से आवागमन करने को विवश हो रहे थे। चुनाव की डुगडुगी बजते ही यह सड़क एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बना था।और जनप्रतिनिधियों को विधानसभा चुनाव में तथाकथित नेताओ को हार का सामना करना भी पड़ा था लोगों में आक्रोश था।
स्थानीय लोग कहते हैं कि बस जनता का मुंह बंद करने के लिए शिलान्यास का दिखावा किया गया था और जहाँ जहाँ ज्यादा खुलकर विरोध हुआ वहां वहां की सड़क को बना दिया गया था लेकिन जहां जहां विवादित सड़क थी उसे ठेकेदार ने बीच बीच मे छोड़ दिया था अगर सड़क निर्माण की सच में नीयत होती तो अब तक सड़क बन चुकी रहती थी लेकिन,हालत यह थी कि संवेदक ने सड़क पर कंक्रीट बिछाया भी नही है और बड़े बड़े जानलेवा गड्ढा बनकर कुआं जैसे आकार ले चुका था जिससे आवागमन और मुश्किल हो गया था। आए दिन राहगीर चोटिल हो रहे थे। जानकारी के अनुसार एडीबी योजना से निर्माण होने वाली यह सड़क स्थानीय स्तर पर काफी महत्वपूर्ण था। यह सड़क जैजैपुर से गोबराभांठा को जोड़ती है। उक्त सड़क पर साधारण बारिश में भी जलजमाव की स्थिति बन जाती थी। उक्त योजना से स्वीकृत सड़क निर्माण के लिए कार्य एजेंसी रायगढ़ के एक ठेकेदार को बनाया है उक्त सड़क का शिलान्यास क्षेत्रीय बसपा विधायक ने लगभग 9 वर्ष पूर्व को किया था शिलान्यास के बाद सड़क निर्माण शुरू तो हुआ था लेकिन सड़क पर विवादित होने के कारण पूरा नही हो सका था।