दुर्ग
असत्य पर सत्य की विजय और अत्याचारियों के सत्यानाश अलावा वृद्धजनों की सेवा की प्रेरणा भी भगवान् श्री राम के जीवन से मिलती है। उन्होंने ऋषियों, मुनियों और वृद्धजनों के पास पहुंच कर उनको सुख पहुंचाया। साधन हीन लोगों के कुछ कष्ट तो हम उनकी प्रेरणा से दूर कर सकते हैं।" ये विचार हैं भारतीय पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा प्रकोष्ठ दुर्ग सम्भागीय प्रभारी डॉ.महेशचन्द्र शर्मा के। आचार्य डॉ. महेशचन्द्र शर्मा ने पुलगांव दुर्ग के वृद्धाश्रम में वृद्धजनों के साथ दशहरा मनाया। उनका मुंह मीठा कराया, वस्त्र के साथ वृद्धों को चलने सहायक छडियां भी वितरित कीं।
उन्होंने सभी वृद्धों का अभिवादन किया, उनसे संवाद कर सुख-दुख पूछने के बाद उक्त बातें कहीं। धर्म, संस्कृति और साहित्य लेखन हेतु देश-विदेश के अनेक सफल दौरे कर चुके आचार्य डॉ.महेशचन्द्र शर्मा ने बताया कि वृद्धजनों की सेवा से हमारी आयु , विद्या यश और बल बढ़ते हैं। चूंकि साहित्य समाज का दर्पण है इसलिये लेखन में समाज की ये बातें आनी चाहियें। अत: बुजुर्गों के प्रति संवेदनशील और सम्मानजनक व्यवहार आवश्यक है। आश्रम के प्रबन्धक दीपक चापिरा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।