हरियाणा
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों ने एक बार फिर ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। अब चुनाव आयोग मंगलवार को ही महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों की तारीखों का भी ऐलान करने जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इससे पहले कहा है कि जनता ने चुनावी प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर ही सारे सवालों का जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा, जहां तक बात है ईवीएम की तो यह 100 पर्सेंट फुलप्रूफ है। अगर वे लोग दोबारा सवाल खड़े करेंगे तो हम उन्हें जवाब देंगे।
कांग्रेस नेता राशिद अलवी ने कहा था कि जिस तरह से इजरायल ने हिजबुल्लाह के पेजर्स को हैक कर लिया उसी तरह ईवीएम को भी हैक किया जा सकता है। अलवी ने कहा, महाराष्ट्र में विपक्ष को दबाव बनाना चाहिए कि चुनाव बैलट पेपर्स से हों। नहीं तो महाराष्ट्र में भी बीजेपी की सरकार और चुनाव आयोग कुछ भी कर सकता है। अगर इजरायल लोगों के वॉकीटॉकी और पेजर्स को हैक कर सकता है तो ईवीएम क्यों नहीं हैक हो सकतीं?
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के इजरायल के साथ अच्छे संबंध हैं। वहीं इजरायल इन चीजों में एक्सपर्ट है। ईवीएम का ब ड़ा खेल कहीं भी हो सकता है और उसके लिए बीजेपी चुनाव से पहले ही ये सब खेल कर लेती है। पिछले सप्ताह कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने कहा था कि उम्मीद है कि इस मुद्दे को लेकर निर्देश दिए जाएंगे। वहीं उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा था कि , चुनाव आयोग को ईवीएम से जुड़े मुद्दे की जानकारी दे दी गई है। बताया गया है कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ की आशंका है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि 20 सीटों की लिस्ट चुनाव आयोग को दी गई है जिनपर ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका है। खेड़ा ने कहा, 20 सीटों पर हमारे प्रत्याशियों ने लिखित या मखिक शिकायत की थी। यह मुद्दा गितनी के दौरान भी उठाया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ ईवीएम में 99 पर्सेंट बैटरी चार्ज दिखा रही थीं। अजीब संयोग है कि जो मशीनें 99 फीसदी चार्ज थीं वहीं कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। वहीं जिन मशीनों की बैटरी 60-70 फीसदी चार्ज थीं, वहां कांग्रेस जीत गई। ऐसा क्यों हो रहा था?